PATNA : बिहार में सत्तारुढ़ एनडीए की दोनों बड़े घटक दल भाजपा और जदयू के बीच अब तलवार खिंच गई है। जिस तरह से सम्राट अशोक और औरंगजेब के मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक दूसरे पर हमले कर रही हैं। उसके बाद अब भाजपा की तरफ से क्षेत्रीय दलों के अस्तित्व को ही सवाल के घेरे में ला दिया है।
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने क्षेत्रीय दलों पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों ने अमूमन भारत के समाज, राजनीति, राष्ट्र की अस्मिता और गौरव को जितना ठेस पहुँचाया है, उतना किसी ने नहीं पहुँचाया है। क्षेत्रीय दल अमूमन या तो परिवार की पार्टियाँ हैं या फिर निजी पॉकेट की दुकान हैं। इनके तथाकथित जो नेशनल लीडर हैं वो राजनीति का एक ऐसा वैचारिक आंडबर खड़ा करते हैं. उसकी आड़ में यह राजनीति को अय्याशी, उगाही, प्रोपगेंडा का माध्यम बनाते हैं और राजनीति के नाम पर सिर्फ गिरोह खड़ा करते हैं. बारगेन करके पोलिटिक्स करना इनकी आदत बन चुकी है।
अपने गिरेबां में झांके क्षेत्रीय दल
ऐसी राजनीतिक दल आमतौर पर किसी न किसी राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ते हैं उनके कंधे पर सवार हो जाते हैं और खुद को ऊंचा महसूस करते हैं। इनको कम से कम अपना कद भी नापना चाहिए और गिरेबां में झांकना चाहिए। यह किसी खास के लिए नहीं कहा जा रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर चिंतन की जरुरत है।
हालांकि निखिल आनंद के इन बातों को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने पलटवार कहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता यह कहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टी देश के लिए खतरा हैं। राठौर ने कहा है कि बीजेपी को यह बताना चाहिए कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के लिए खतरा हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वह क्षेत्रीय पार्टी को लेकर क्या सोचती है। पहले भाजपा के लोग नीतीश कुमार को फेल बताते थे, अब उन्हें देश के लिए खतरा बताया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री को अब सोचना चाहिए कि अब और कितना अपमान वह करवाना चाहते हैं।