बिना रजिस्ट्रेशन के ड्रोन उड़ाना अब महंगा पड़ सकता है। ड्रोन के रजिस्ट्रेशन को लेकर उड्डन मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने सभी ड्रोन मालिकों को 31 जनवरी तक स्वैच्छिक आधार पर रजिस्ट्रेशन करा लेने को कहा है। इस तारीख तक रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाने वालों को भारतीय दंड संहिता और एयरक्राफ्ट कानून के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मंत्रालय ने नोटिस में कहा, 'सरकार की जानकारी में आया है कि कुछ ड्रोन और ड्रोन संचालक हैं, जो सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) मानकों को पूरा नहीं करते हैं। सिविल ड्रोन और ड्रोन संचालकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए स्वैच्छिक घोषणा का अवसर दिया जा रहा है। ड्रोन रखने वाले हर व्यक्ति को 31 जनवरी, 2020 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा कर लेना होगा।'
भारत में ड्रोन के नियमन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 27 अगस्त, 2018 को सीएआर लागू किया था। इसके तहत ड्रोन मालिकों को ड्रोन के लिए एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआइएन) लेना होता है। साथ ही परमिट और अन्य मंजूरियों की व्यवस्था भी इसमें की गई है। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी होगा।
मंत्रालय ने बताया कि स्वैच्छिक घोषणा के बाद सभी ड्रोन संचालकों के लिए डीएएन और ओएएन के रूप में दो नंबर भी जारी किए जाएंगे। ये दोनों नंबर ड्रोन रखने का अधिकार देंगे। बिना इन नंबर के ड्रोन रखने पर कानूनी कार्यवाही और सजा का सामना करना पड़ेगा। ड्रोन के संचालन के लिए अन्य मंजूरियों की भी जरूरत होगी।