मुंबई- कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को थिएटर्स में रिलीज होनी थी. फिल्म का ट्रेलर आने के बाद फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर पंजाब में प्रदर्शन हुए और इसपर बैन लगाने की मांग होने लगी. सोशल मीडिया पर भी 'इमरजेंसी' का विरोध बढ़ने लगा. विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखा रही है, जो उनकी छवि के लिए 'अपमानजनक' है.
अब जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को कंगना रणौत निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. हाई कोर्ट आज यानी बुधवार को इस मामले में सुनवाई करेगा. जी एंटरटेनमेंट ने फिल्म इमरजेंसी' का निर्माण किया है.
शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों का आरोप है कि इसमें सिख समुदाय को तथा ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है. हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया है कि सीबीएफसी ने ‘गैर कानूनी और मनमाने ढंग से” प्रमाणन रोका है.
कथित तौर पर याचिका में दावा किया गया है कि सेंसर बोर्ड प्रमाणपत्र जारी नहीं कर रहा है. याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ इसकी सुनवाई करेंगी.