SAMASTIPUR : जिले के सबसे बड़े शराब माफिया को रंगेहाथ पकड़ने के महज चार घंटे बाद छोड़ने के मामले में एसपी ने वैनी थानाध्यक्ष शकील अहमद को निलंबित कर दिया है। थानाध्यक्ष के खिलाफ यह कार्रवाई जांच के बाद की गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि घूस में कितनी रकम ली गई।
शराब माफिया की गिरफ्तारी और फिर उसे पैसे लेकर छोड़ देने की पूरी घटना की कहानी बीते 30 अगस्त की है। जब समस्तीपुर के मुसरीधरारी थाना क्षेत्र का वांटेड शराब माफिया राजीव रंजन उर्फ राकेश महतो को जिले के वैनी थानाध्यक्ष ने वाहन जांच के दौरान पकड़ा था, पर मुसरीधरारी पुलिस को बिना जानकारी दिए अपने थाना वैनी ले गए। जहां 4 घंटे बाद घूस लेकर माफिया को छोड़ दिया।
यहां तक तो सब ठीक था और शायद गिरफ्तारी और उसे छोड़ने का मामला सामने नहीं आता। गड़बड़ी तब हुई जब थाने से निकलने के बाद राजीव मुजफ्फरपुर जा रहा था। रास्ते में दूसरे शराब माफिया करपुरीग्राम निवासी छोटू सिंह ने फायरिंग कर दी थी। गोलीबारी के बाद शराब माफिया राजीव को मीडिया में बयान देते हुए जब मुसरीधरारी पुलिस ने देखा तो जानकारी एसपी को दी।
मामले की जांच की जिम्मेदारी एएसपी संजय पांडे को मिली। एएसपी संजय पांडे ने मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में पता चला कि 30 अगस्त की सुबह वैनी थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि इलाके से काली रंग की स्कॉर्पियो शराब की बड़ी खेप लेकर गुजरने वाली है।
उन्होंने अपनी टीम के साथ वाहन चेकिंग शुरू की। इस दौरान सुबह 4 बजे मुजफ्फरपुर की ओर से आ रही स्कॉर्पियो दिखी। गाड़ी रुकवा कर तलाशी ली गई, पर शराब नहीं मिली, पर थानाध्यक्ष ने माफिया राजीव को पहचान लिया और उसे अपने साथ थाने ले गए।
राजीव पर शराब मामले में मुसरीधरारी थाने में केस दर्ज है, फिर भी वैनी थानाध्यक्ष ने वहां की पुलिस को राजीव के बारे में जानकारी नहीं दी। उसके साथ डील कर ली।
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जब शराब माफिया राजीव पर गोलीबारी हुई थी तो वो भागकर रहीमाबाद के पास भीड़ में घुस गया था। जिस कारण उसकी जान बच गई। आसपास के लोगों ने दो बदमाशों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। गोलीबारी बंगरा थाना क्षेत्र में हुई थी। इसलिए दोनों को बंगरा थाना ले जाया गया। वहीं, एफआईआर भी दर्ज हुई।
रिपोर्ट में वैनी थानाध्यक्ष मो. शकील अहमद दोषी पाए गए। जिसके बाद एसपी विनय तिवारी ने उन्हें निलंबित कर दिया।
एसपी विनय तिवारी ने कहा कि वैनी थाना अध्यक्ष के भ्रष्ट रवैया से गोलीबारी की घटना हुई। अगर तस्कर की मौत होती तो विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी। जिस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। कार्रवाई एएसपी संजय पांडे की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।