डेस्क... घर खरीदने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले में कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर घर खरीदार के ऊपर एकतरफा करार नहीं थोप सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि एग्रीमेंट की एकतरफा शर्त को मानने के लिए डेवलपर्स किसी भी घर खरीदार को बाध्य नहीं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट के तहत अपार्टमेंट बायर्स एग्रीमेंट की शर्त का एक तरफा और गैर वाजिब होना अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज करार दिया है। अभी कहा कि समय रहते घर नहीं देने पर बिल्डर को बगैर किसी लाग लपेट के घर खरीदने वालों को पूरी राशि 9% ब्याज के साथ लौटानी होगी। कोर्ट ने यह टिप्पणी गुरुग्राम के एक प्रोजेक्ट पर सुनवाई के दौरान की इस प्रोजेक्ट बिल्डर ने उपभोक्ता आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने इस मामले में बिल्डर के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होता है तो घर खरीदार को पूरी राशि 12 फ़ीसदी ब्याज के साथ चुकानी पड़ेगी। इस मामले में बिल्डर ने खरीदार को ऑफर दिया था कि वह दूसरे प्रोजेक्ट में घर ले ले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घर खरीदार की मर्जी पर निर्भर करता है।