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‘याद रखें अगर बंगाल जला तो कई और राज्य भी जलेंगे’, ममता के बयान पर मचा बवाल, भड़के हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- 'असम को धमकी देने की हिम्मत कैसे हुई?'

‘याद रखें अगर बंगाल जला तो कई और राज्य भी जलेंगे’, ममता के बयान पर मचा बवाल, भड़के हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- 'असम को धमकी देने की हिम्मत कैसे हुई?'

दिल्ली- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान 'अगर बंगाल जलता है, तो असम और दिल्ली भी जलेंगे' पर बवाल मचा हुआ है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बंगाल सीएम ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि तृणमूल प्रमुख अपनी असफलता की राजनीति से भारत में आग लगाने की कोशिश कर रही हैं. असम के सीएम ने कहा कि दीदी आपकी असम को धमकी देने की हिम्मत कैसे हुई? हमें अपनी खून भरी आंखें मत दिखाओ. अपनी विफलता की राजनीति से भारत को आग लगाने की कोशिश मत करो. असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि विभाजनकारी भाषा बोलना आपको शोभा नहीं देता.

वहीं केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी कहा कि यह टिप्पणी संवैधानिक पद पर बैठे किसी नेता की नहीं, बल्कि ''राष्ट्र-विरोधी'' मानसिकता वाले किसी व्यक्ति की लगती है. 

केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने  पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के  खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा. उन्होंने दावा किया कि सीएम बनर्जी ने कोलकाता में टीएमसी के एक कार्यक्रम में एक सभा को 'बेशर्मी से उकसाया'. गृह मंत्री को लिखे पत्र में, भाजपा नेता ने कहा कि मैं कोलकाता में टीएमसी के छात्र विंग को अपने संबोधन के दौरान सीएम ममता बनर्जी द्वारा दिए गए हालिया बयानों की ओर आपका तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं, जहां उन्होंने बेशर्मी से सभा को उकसाते हुए घोषणा की, 'मैंने कभी बदला नहीं लिया, लेकिन अब, जो करना है वह करो किया गया.' 

सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह राज्य के सर्वोच्च पद से बदले की राजनीति के खुले समर्थन से कम नहीं है. वह बेशर्मी से देश विरोधी टिप्पणी करते हुए कहती हैं, 'याद रखें, अगर बंगाल जलेगा तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे. भाजपा नेता ने शांति को बढ़ावा देने और हिंसा को रोकने के लिए लोक सेवकों के मौलिक कर्तव्य पर जोर दिया और शाह से स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि शांति को बढ़ावा देना और किसी भी प्रकार की हिंसा को हतोत्साहित करना प्रत्येक लोक सेवक, विशेष रूप से ऐसे उच्च प्राधिकारी पद पर बैठे किसी व्यक्ति का मौलिक कर्तव्य है.

भाजपा नेता पीयूष हजारिका ने कहा कि वह हमें धमका नहीं सकती, धमकी नहीं दे सकती. मैं उसकी गंभीरता से निंदा करता हूं. वह अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित नहीं कर सकती और हमें धमकी दे रही है. असम में ऐसा नहीं होगा, मैं आपको आश्वस्त कर रहा हू.  

बता दें तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए, ममता बनर्जी ने बंद (हड़ताल) के दौरान हिंसा और राज्य सचिवालय तक 'नबन्ना अभिजन' विरोध मार्च को लेकर भाजपा पर हमला किया था.  सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले से निपटने के तरीके पर तृणमूल सरकार को आलोचना के साथ भीषण विरोध का सामना करना पड़ रहा है, 


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