MUNGER : 3 साल की बच्ची सना को बोरबेल में गिरे 18 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है। लेकिन अभीतक बच्ची को बोरवेल से निकाला नहीं जा सका है। NDRFकी टीम लगातार बच्ची की रेस्क्यू करने में जुटी है। बच्ची का रेस्क्यू अंतिम चरण में है। मौके पर डॉक्टर और NDRF की टीम मौजूद है। उसके लिए बोरवेल के अंदर आक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। राहत वाली खबर यह है कि बच्ची अभीतक बोरवेल के अंदर सुरक्षित है। बच्ची की आवाज़ अभी भी अंदर से आ रही रही है वो पापा पापा की आवाज़ दे रही है। बोरवेल में गिरी बच्ची सना की सलामती के लिए उसके परिवार वाले ही नहीं पूरा शहर दुआ कर रहा है।
बताया जा रहा है कि सोनू उर्फ़ सना अपने नाना उमेश नंदन साव के पास एक सप्ताह पहले ही आई थी। सना के पिता नचिकेता PNB बैंककर्मी हैं जो वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, बासुदेव पुर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। नाना ने घर के बाहर वाले कमरे में 4 दिन पहले ही बोरवेल लगवाया था।
बोरवेल के पाइप के चारों और एक फिट की जगह छोड़ी गयी थी। इस जगह पर कंक्रीट डाला जाता है उसे ढका नहीं गया था। उसी में बच्ची मंगलवार को अचानक शाम चार बजे खेलते-खेलते गिर गई। बच्ची के पिता ने रोते-रोते बताया कि सना बोरवेल में लगभग 35 फीट की दूरी पर अटकी हुई है।
इधर, बच्ची के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही आनन-फानन में मुंगेर के कमिश्नर पंकज पाल, एसपी गौरव मंगला, डीडीसी रामेशवर पाण्डेय, एसडीओ खग्रास चंद्र झा तथा तमाम वरीय पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुट गये। बच्ची को बाहर से पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन दिया जा रहा है। बाहर बोरवेल के समानांतर जेसीबी से गड्ढा खोदा जा रहा है। बच्ची 3 घंटे से अंदर फंसी हुई है और लगातार रो रही है।
हालांकि सना के पिता लगातार उससे बातचीत कर रहे हैं। माता-पिता दोनों बाहर से बोल रहे हैं कि बेटी हमलोग ना छुपा-छुपाई का खेल खेल रहे हैं। अंदर से बेटी के रोने की आवाज साफ सुनाई दे रही है। मौके डॉ. फैज के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है। सीसीटीवी भी लगाया गया है लेकिन बोरवेल में बच्ची के बाद एक मग भी गिरा था जिसके कारण सीसीटीवी केवल मग को ही दिखा रहा है। मग के नीचे बच्ची के होने की बात कही जा रही है।