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रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, ग्राहकों पर नहीं बढ़ा EMI का बोझ

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, ग्राहकों पर नहीं बढ़ा EMI का बोझ

दिल्ली. कोरोना काल में आमदनी की चुनौतियों को झेलते आम लोगों के लिए रिजर्व बैंक ने मामूली राहत बरकरार रखी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही ईएमआई की का बोझ भी जस का तस रखा है. दरअसल बढ़ती महंगाई के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को 2022 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी रेट्स की घोषणा की. आरबीआई ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार 10वीं बार है जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.  शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर स्थायी है.

एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने यह फैसला किया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की. तीन दिवसीय बैठक 8 फरवरी से शुरू हुई थी जो 10 फरवरी यानी आज तक चली. यह बैठक हर दो महीने में होती है.  इससे पहले दिसंबर में एमपीसी की बैठक हुई थी.  बता दें कि करीब डेढ़ साल से भी अधिक समय से ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है. अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक ने अपना अकोमोडेटिव (उदार) रुख बरकरार रखा है.

शक्तिकांत दास ने कहा कि इकोनॉमी में सुधार की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 यानी फाइनेंशियल ईयर 2023 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी से घटकर 7 फीसदी कर दिया था.

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी है. वहीं वित्त वर्ष 2022 में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है . जबकि चौथी तिमाही में यह 4.5 फीसदी रह सकता है.  वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है.

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. फिर बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रेपो रेट कम होने से बैंक से मिलने वाले लोन जैसे  होम लोन, कार और गोल्ड लोन सस्ते हो जाते हैं. लेकिन रेपो रेट में बदलाव नहीं होने के कारण अब लोगों को सस्ता लोन लेने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. वहीं रिवर्स रेपो रेपो रेट के उल्टा होता है. रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई को लोन देते हैं.


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