PATNA : नीतीश सरकार द्वारा आरएसएस सहित बीजेपी से जुड़े संगठनों की जानकारी जुटाने की बात सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। एक ओर जहां विपक्ष इस मामले को लेकर प्रदेश की नीतीश सरकार के जल्द की जाने का दावा कर रही है। वहीं बीजेपी नेताओं में भी इस बात को लेकर नाराजगी व्याप्त है।
बीजेपी के विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है।
उन्होंने कहा है कि यह बात आज भले ही न्यूज चैनलों के माध्यम से उजागर हुई है। लेकिन मेरा मानना है कि नीतीश कुमार ने 19 मई को ही अपनी मंशा जाहिर कर दिया था जब चुनाव की अंतिम प्रक्रिया के दौरान धारा 370 जैसे मुद्दों पर एकमत नहीं होने की बात की थी।
वहीं 24 मई को अपनी पार्टी के वलियावी के माध्यम से तीन तलाक जैसे मुद्दों पर जिस तरह के आपत्तिजनक बयान बयानबाजी कराई उससे साफ था कि उनकी नियत में खोट थी।
सच्चिदानंद राय ने कहा है कि उसके बाद 28 मई को जिस दिन आरएसएस और बीजेपी से जुड़े संगठनों की जानकारी जुटाने का आदेश जारी किया गया उसी दिन नीतीश ने तय कर लिया था कि वे केन्द्र की मोदी सरकार में शामिल नहीं होंगे।
विधान पार्षद ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा जदयू और नीतीश कुमार के साथ सहयोग किया है, लेकिन उनके इस कदम से यह साफ जाहिर के है कि उनकी नियत साफ नहीं है।