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जन संवाद कार्यक्रम में बोले RTI कार्यकर्ता, सूचना के अधिकार कानून में बदलाव मंजूर नहीं

जन संवाद कार्यक्रम में बोले RTI कार्यकर्ता, सूचना के अधिकार कानून में बदलाव मंजूर नहीं

PATNA :  सूचना का अधिकार और लोक शिकायत कानून पर राजधानी स्थित ए.एन.सिन्हा इंस्टिच्यूट में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और सूचना का अधिकार कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निखिल डे और सेवानिवृत जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद समेत पूरे प्रदेश से 100 से ज्यादा आरटीआई कार्यकर्ता और लोक शिकायत कानून को इस्तेमाल करने वाले लोग शामिल हुए। वहीं पूर्वी चंपारण और जमुई में मारे गए आरटीआई कार्यक्रर्ता राजेन्द्र सिंह और वाल्मीकि यादव के परिवार के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। 

बता दें कि बिहार में पिछले 2 महीने के अन्दर सूचना का अधिकार इस्तेमाल करने वाले तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी। 19 जून को जहां पूर्वी चंपारण के आरटीआई कार्यकर्ता राजेन्द्र प्रसाद सिंह की हत्या हुई थी, वहीं 1 जुलाई को जमुई में वाल्मीकि यादव और धर्मेन्द्र यादव को मार डाला गया था। तीनों लोग अपने इलाके में चल रहे विकास योजनाओं की निगरानी कर रहे थे और अपने प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे। जिसे लेकर उन्हें पहले कई बार धमकियां मिली थी और फिर उनकी हत्या कर दी गयी। हत्या करने वालों में स्थानीय दबंग पंचायत प्रतिनिधियों और बिचौलियों का नाम आ रहा है।

जन संवाद में आरटीआई कार्यक्रताओं की हत्या को लेकर पुरजोर विरोध हुआ। वहीं सूचना के अधिकार कानून में बदलाव को नामंजूर किए जाने की बात की गई। इस मामले को लेकर कार्यक्रम में शामिल चर्चित कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज ने कहा कि जितने भी भ्रष्टाचार से लड़ने के कानून हैं उस पर प्रहार चल रहा है। हाल ही में भ्रष्टाचार निवारण कानून में बदलाव किया गया, लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है और सूचना के अधिकार कानून में बदलाव कर कानून को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।

वहीं सूचना का अधिकार कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निखिल डे ने कहा कि आधार लगाकर सरकार के पास लोगों के बारे में सूचना का अधिकार आ गया है पर हम जब सूचना मांगते हैं तो तमाम तरह की परेशानी होती है। अब डेटा संरक्षण कानून के बहाने जरूरी जानकारी को छुपाया जाने की कोशिश हो रही है। बिहार सरकार को गंभीरता से सूचना के अधिकार को लागू करना चाहिए। 

वहीं आशीष रंजन ने केन्द्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध को मुद्दा बनाकर केन्द्र और राज्य में सरकार बनी, लेकिन उसी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों की हत्या हो रही और सरकार उनकी सुरक्षा का कोई उपाय नहीं कर रही है। 

कार्यक्रम के दौरान एक जन घोषणा पत्र तैयार किया गया, जिसमे सभी कार्यकर्ताओं की जवाबदेही, कार्य की पारदर्शिता और कार्यकर्ताओं की हत्या होने पर एक विशेष उच्चस्तरीय ऑडिट कराए जाने की बात को कहा गया।  कार्यक्रम का आयोजन सूचना के जन अधिकार का राष्ट्रीय अभियान, जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, डिजिटल एमपावरमेंट फ़ौंडेशन और वीडियो वौलेंटीयर्स ने मिलकर किया।इसमें कामायनी स्वामी, आशीष कुमार,  सोहिनी, अमृता जोहरी, महेंद्र यादव, उज्जवल कुमार, महेंद्र यादव, मणिलाल एवं कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

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