PATNA : बिहार के मंत्रिमंडल से हटाने की अनुशंसा किए जाने के बाद अब मुकेश सहनी का नीतीश सरकार के साथ का सफर कुछ घंटे का रह गया है। राज्यपाल द्वारा अधिकृत रूप से आदेश जारी होने के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा। इस बीच मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। जहां भाजपा और जदयू ने उनसे किनारा कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ अब उनकी राजद में वापसी की संभावना भी खत्म हो गई है।
राजद नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि मुकेश सहनी के लिए राजद और यूपीए में आने के सारे दरवाजे पहले से ही बंद कर दिए गए हैं। वह खुद सत्ता की लालच में हमारा साथ छोड़कर गए थे। ऐसे में उन्हें फिर से गठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा। राजद विधायक राकेश रोशन ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस बात का फैसला पहले ही ले लिया है।
मुकेश रोशन ने कहा कि अब सहनी के पास कुछ नहीं बचा है। बीजेपी ने उनसे सबकुछ छिन लिया है। उन्होंने सहनी को मंत्री पद से हटाए जाने के मांग को लेकर कहा कि उन्हें तब ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, जब उनके तीनों विधायक साथ छोड़कर चले गए थे। सहनी को यह समझना चाहिए कि भाजपा कभी भी छोटे पार्टियों को उभरने नहीं दे सकती है।
भाजपा की प्रताड़ना का शिकार हुए सहनी
वहीं राजद विधायक अनिल सहनी का मानना है कि मुकेश सहनी भाजपा की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं। मुकेश सहनी यूपी में जाकर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। बिहार में एमएलसी चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े कर रहे थे। दलितों और पिछड़ों के हक के लिए लड़ रहे थे। यही बात बीजेपी को पसंद नहीं आई और सबसे पहले उनके विधायकों को उनसे छिना गया और अब मंत्री पद से भी हटा दिया गया।
इस दौरान सहनी के मंत्री के रूप में किए गए कार्य की जांच की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि यह तब क्यों नहीं किया गया, जब वह मंत्री थे। जब तक साथ थे, तब तक सब सही था।