PATNA : 10 अक्टूबर तक राज्य भर में चलाए गए सदस्यता अभियान में रणनीति के अनुरुप लक्ष्य हासिल नहीं होने के बाद अब राजद एकबार फिर से सदस्यता अभियान चलाने की तैयारी में है।
संगठन चुनाव के शुरू होने से पहले अक्टूबर माह में सदस्या अभियान के लिए राजद ने प्रत्येक बूथ पर कम से कम चार सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। चार सक्रिय सदस्य का मतलब कम से कम 100 प्राथमिक सदस्य। राजद में कोई भी सक्रिय सदस्य तभी बन सकता है, जब वह कम से कम 25 लोगों को सदस्य बना लेगा।
अभियान के बाद समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आ रही कि कई बूथ लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंचे हैं। कहीं एक-दो तो कहीं एक भी सदस्य नहीं है। अब उन कमजोर बूथों पर विशेष अभियान चलाकर राजद लोगों को जोडऩे की कोशिश करेगा। यह अभियान संगठन चुनाव की प्रक्रिया के संपन्न हो जाने पर 10 दिसंबर के बाद चलाया जाएगा। इतना ही नहीं, अपने बिछुड़े लोगों को भी राजद पार्टी से जोड़ेगा। इसकी भी रणनीति बनाई जा रही है।
लोकसभा चुनाव की हार से सबक लेते हुए अब सभी बूथों पर सदस्यों की सक्रिय उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सभी बूथों पर सक्रिय सदस्यों की संख्या कम से कम चार तक पहुंचानी है। हालांकि कुछ ऐसे भी बूथ हैं, जहां सक्रिय सदस्यों की संख्या सात-आठ के पार पहुंच गई है। दोबारा चलाए जाने वाले अभियान में सिर्फ उन्हीं बूथों पर फोकस किया जाएगा, जो तुलनात्मक रूप से कमजोर हैं या जहां सदस्य बनाने में सामाजिक समीकरण का ध्यान नहीं रखा जा सका है।
लोकसभा चुनाव के दौरान देखा गया था कि तेजस्वी यादव की जनसभाओं में भीड़ तो काफी आ रही थी, लेकिन वह वोट में तब्दील नहीं हो सकी। इसकी प्रमुख वजह यह थी कि सभी बूथों पर राजद सदस्यों और समर्थकों की दमदार मौजूदगी नहीं थी। किसी बूथ पर ज्यादा तो किसी बूथ पर कम। कुछ बूथ तो बिल्कुल साफ थे।