पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में जोड़-तोड़ की राजनीति खेल चालू हो चुका है.राजद के विधान परिषद के पांच सदस्यों को अपने खेमें में लाने के बाद अब जदयू के निशाने पर कांग्रेस आ गई है.
कांग्रेस के 5 MLA जदयू के संपर्क में
विधान सभा चुनाव के पहले सियासी खेल चालू हो गया है. जीत पक्की करने के लिए पार्टियां हर दांव खेलने के लिए तैयार है. बताया जा रहा है कांग्रेस के पांच विधायक लगातार जेडीयू के संपर्क हैं जबकि 2 को मनाया जा रहा है. अंदरखाने से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक जेडीयू ने ऑपरेशन कांग्रेस का जिम्मा जेडीयू के एक मंत्री को दिया है. बताया जाता जिस मंत्री को यह जिम्मा दिया है उनका कांग्रेस से पुराना संपर्क रहा है. राजनीतिक हलकों में चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के पांच में तीन विधायक जेडीयू वाले मंत्री के पुराने दोस्त हैं जबकि 2 पूर्व में जदयू के ही खेमे में थे.
चर्चा तो यह भी है कि कांग्रेस छोड़ ऑपरेशन को लीड करे रहे मंत्री जेडीयू में शामिल हो रहे थे उसी वक्त इन विधायकों की बी कांग्रेस को अलविदा कहने की तैयारी थी लेकिन संख्या बल कम होने की वजह से सदस्यता पर होने वाले खतरे को देखते हुए बात नहीं बनी.
लेकिन अब अब विधान सभा चुनाव में कुछ वक्त बचा है. इससे सदस्यता जाने-रहने का कोई मतलब भी नहीं रह गया है. इनकी पेंशन में भी तकनीकी बाधा नहीं है. बताया जाता है कि कांग्रेस के जो 2 और विधायक ऐसे हैं जो पूर्व में जदयू में ही थे और जिन्हें 2015 के चुनाव कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़वाया गया था. कांग्रेस को इस बात की खबर है कि पार्टी में टूट हो सकती है इसको लेकर पार्टी भी अपनी तैयारी कर रही है.