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आरजेडी को बड़ा झटका देने की रणनीति, इस वजह से खौफ में था लालू परिवार

आरजेडी को बड़ा झटका देने की रणनीति, इस वजह से खौफ में था लालू परिवार

PATNA : बड़ी मुश्किलों का सामने कर रहे लालू परिवार ने पांच दिनों के शीतकालीन सत्र में सत्तापक्ष को अपनी ताकत का एहसास करा दिया। सज़ायाफ्ता लालू यादव की बीमारी और तेजप्रताप के तलाक प्रकरण से परेशान होने के बावजूद राबड़ी देवी ने विधान परिषद और तेजस्वी ने विधान सभा में नीतीश सरकार के नाक में दम कर दिया। लालू परिवार के इसी आक्रामक तेवर की धार कम करने के लिए जेडीयू अब नई रणनीति पर काम कर रहा है। 

क्या है जेडीयू की रणनीति?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को यह बात अच्छे से मालूम है कि आरजेडी की धार कुंद करने के लिए लालू परिवार को कमजोर करना बेहद जरूरी है। तेजप्रताप यादव के इस फैसले के बाद कि वह अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक लेना चाहते हैं, आरजेडी विरोधियों की मानो लॉटरी लग गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लालू कुनबे के विरोधी इस कोशिश में लगे हैं कि तेजप्रताप के ससुराल पक्ष का इस्तेमाल आरजेडी के खिलाफ किया जाए। दरअसल यह बात सबको पता है कि तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय भी आरजेडी के मजबूत नेता हैं। चंद्रिका राय पूर्व मुख्यमंत्री स्व. दारोगा प्रसाद राय के बेटे हैं और सारण क्षेत्र की सियासत में उनकी अच्छी पकड़ है। 

आरजेडी को बड़ा झटका देने की तैयारी

जानकार सूत्र इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि अपनी बेटी ऐश्वर्या के हालात को लेकर आहत चल रहे चंद्रिका राय से विरोधी खेमे के कुछ नेताओं ने संपर्क साधा है। इस संपर्क की खबरें लीक ना हो जाएं इसलिए दिल्ली में मुलाकात की पेशकश भी हुई हैं। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि चंद्रिका राय ने इस पेशकश पर क्या कहा है। चंद्रिका राय का लालू परिवार के विरोध में खड़ा हो जाना जेडीयू के लिए फायदेमंद होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि चंद्रिका राय अपने दामाद तेजप्रताप यादव के रवैये के कारण लालू परिवार से दूरी बढ़ा चुके हैं। इस बात की पुष्टि तब भी हुई जब चंद्रिका राय आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक से भी दूर रहे। इसके अलावे चंद्रिका राय विधानसभा सत्र के दौरान भी तेजस्वी से दूर रहे। सत्र के दौरान वह तेजस्वी के चैम्बर तक में नहीं गए। सदन में आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दकी और ललित यादव को छोड़कर चंद्रिका राय किसी अन्य नेता से बहुत ज्यादा मुखातिब भी नहीं दिखे। दरअसल लालू परिवार की भी असल चिंता यही है कि कहीं चंद्रिका राय पार्टी या उनके परिवार के खिलाफ मुखर ना हो जाएं। अगर ऐसा हुआ तो परेशानियों के बीच घिरे लालू परिवार के लिए यह बड़ा झटका होगा।

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