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शराब, बालू सहित जमीन माफिया के सबसे बड़े संरक्षक हैं राजद नेता तेजस्वी यादव, ऐसे नेताओं को पहचान चुकी है बिहार की जनता : श्रवण अग्रवाल

शराब, बालू सहित जमीन माफिया के सबसे बड़े संरक्षक हैं राजद नेता तेजस्वी यादव, ऐसे नेताओं को पहचान चुकी है बिहार की जनता : श्रवण अग्रवाल

पटना. बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रणव अग्रवाल ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. उन्होंने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी अपराधी, शराब माफिया, जमीन माफिया और बालू माफियाओं को संरक्षण देते हैं. साथ श्रवण अग्रवाल ने तेजस्वी को बिहार में लालू-राबड़ी के शासन काल को भी याद दिलाया. श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बिहार में लालू-राबड़ी के शासन काल में जंगलराज के दौर ने बिहार की छवि और तरक्की, दोनों को काफी नुकसान पहुंचाया.

तेजस्वी माफियाओं का संरक्षक

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने तेजस्वी यादव को गुंडे, अपराधियों और शराब माफियाओं का हिमायती बताया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे तेजस्वी यादव बिहार में गुंडा राज कायम करना चाहते हैं. बिहार की राजनीति का अपराधीकरण करने वाली पार्टी के युवराज को अपराध पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

लालू-राबड़ी के शासन काल में अपराध का उद्योग

राजद जंगल राज समर्थकों का संगठित स्वरूप हैं. अपहरण, फिरौती और अपराध लालू- राबड़ी के शासन काल में एक स्थापित उद्योग के रूप में विकसित था. उस वक्त एक अणे मार्ग से अपराधियों को संरक्षण मिलता था. लालू यादव अपराध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे. आज भी तेजस्वी यादव अपराधी, बालू माफिया, शराब माफिया को संरक्षण देते हैं. नीतीश राज में अपहरण, अपराध और फिरौती उद्योग बंद होने और जातीय संघर्ष खत्म होने से जंगलराज के युवराज परेशान है.

लालू-राबड़ी ने बिहार की छवि को नुकसान पहुंचाया

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि राजद का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में 15 साल पुराने बिहार की दागदार तस्वीर उभरती है. उस वक्त राजद के द्वारा अपराधियों के लिए  प्रशिक्षण शिविर चलाया जाता था. प्रशिक्षित अपराधी सूबे में अपराध को अंजाम देते थे. बिहार में जंगलराज के उस दौर ने बिहार की छवि और तरक्की, दोनों को काफी नुकसान पहुंचाया. श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बिहारियों का उपहास उड़ाया जाता था, लेकिन नीतीश कुमार के 16 साल के सुशासन में बिहार उस बुरे दौर से बाहर निकलने में कामयाब रहा है.

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