पटना : राजद ने दो बड़े कारोबारियों को एक बार फिर से राज्यसभा भेज दिया है। बड़े कारोबारी प्रेमचंद गुप्ता पांचवीं बार राज्यसभा गए हैं तो एक और बड़े व्यापारी अमरेंद्रधारी पहली बार राज्यसभा गए हैं ।जी हां बता दें कि अमरेंदरधारी उर्फ नानटून बाबू पटना के सबसे बड़े भूमिहार जमींदार जंगधारी सिंह के पोते और प्रताप धारी सिंह के तीसरे बेटे हैं। अमरेंद्रधारी के बारे में बताया जाता है कि एक बड़े कारोबारी हैं ।10 दिनों पहले तक इनको बिहार की राजनीति से कोई रिश्ता नहीं था और न ही राजनीतिक गलियारे में इनके बारे में कोई चर्चा थी। लेकिन राजद वालों ने इनका चुनाव राज्यसभा में भेजने के लिए कर लिया। राजद से लेकर तमाम दल इस तरह का काम कर चुका है। कोई बात नहीं यह पार्टी वालों का अपना विशेषाधिकार है।
अमरेंद्रधारी खत्म करना चाहते हैं जाती व्यवस्था
नवोदित राज्य सभा सांसद अमरेंद्रधारी की सोच बड़ी व्यापक है। उनकी चले तो बिहार में विकास की गंगा बहा दें। फिर देखने वाली बात होगी कि अब राजद के कंधे पर बैठकर राज्यसभा पहुंचने के बाद वह क्या कर पाते हैं। लेकिन उनका कहना है कि अगर कोई भी मुख्यमंत्री विकास कर दे तो जाति व्यवस्था खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी। विकास नहीं होने की वजह से ही जाति प्रभावी होती है ।अमरेंद्र धारी सिंह का मानना है की राष्ट्रीय जनता दल अब A 2 Z पर काम कर रही है। माई समीकरण बीते दिनों की बात हो गयी है। नई सोच और नए विचार के साथ पार्टी काम करेगी।
यादवों से है पुश्तैनी रिश्ता
अमरेंद्र धारी सिंह ने बताया है कि मैं संत माइकल पटना का छात्र रहा हूं। मुझे ग्रेजुएशन तक यह नहीं पता था कि मैं किस जाति का हूं । जातीय सोच से बिहार का विकास संभव नहीं है जरूरत है नई सोच की और नए विचार की। उन्होंने बताया की यादवों के साथ हमारे परिवार का रिश्ता पुश्तैनी है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राम लखन सिंह यादव मेरे पिता प्रताप धारी सिंह के बचपन के दोस्त थे ।इतना ही नहीं मेरे पिताजी के साथ ही वे स्कूल जाते थे और टिफिन भी साथ ही खाते थे। जातीय व्यवस्था बिहार के लिए काफी हानिकारक है ।एडी सिंह ने बताया है कि मौका मिलेगा तो वे कृषि के विकास को लेकर एक रोडमैप तेजस्वी यादव को भी देंगे।