Patna: बिहार सरकार ने 50 वर्ष से अधिक उम्र के अयोग्य पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है। इस आलोक में गृह विभाग ने वैसे अधिकारियों- कर्मियों के कार्यों की समीक्षा को लेकर कमेटी का गठन किया है. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।इस आदेश से वैसे पुलिस कर्मियों के मुसीबत खड़ी हो गयी है जो काम करने में सक्षम नहीं हैं।अब उन्हें जबरन रिटायर किया जाएगा। सरकार के इस निर्णय के बाद एक फिर से बिहार में राजनीति शुरू हो गई है। राजद ने इस पर सवाल खड़े किये हैं।
मनोज झा का सरकार पर बड़ा हमला
राजद के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि ये उस राज्य का 'तुगलकी फरमान' है जहाँ एक बड़ी आबादी को 40 से 45 वर्ष की उम्र में एक अदद नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है.और हाँ!'अक्षमता' अगर पैमाना हो तो 'शासनादेश' से उत्पन्न इस सरकार को ही रिटायर हो जाना चाहिए.
50 साल से ऊपर उम्र वाले अयोग्य पुलिसकर्मियों की जाएगी नौकरी
गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि वैसे सरकारी सेवक जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो।जिनकी कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं हो जिससे उन्हें सेवा में बनाए रखने का निर्णय लोकहित में हो। वैसे सरकारी सेवकों के कार्यो की समीक्षा कर बिहार सेवा संहिता के नियम 74 (क) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने की अनुशंसा को लेकर कमेटी का गठन किया जाता है.
ग्रेड A के लिए गठित कमिटी में अपर मुख्य सचिव होंगे अध्यक्ष
समूह A के सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि सदस्य में सचिव गृह विभाग, विशेष सचिव गृह विभाग और विभागीय मुख्य निगरानी पदाधिकारी होंगे। वहीं समूह B, C एवं अवर्गीकृत सरकारी सेवकों के कार्य की समीक्षा को लेकर विभाग के सचिव को अध्यक्ष, मुख्य निगरानी पदाधिकारी और अवर सचिव गृह विभाग को सदस्य नामित किया गया है। समिति की बैठक प्रत्येक वर्ष जून एवं दिसंबर माह में आहूत की जाएगी, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प के प्रावधानों के आलोक में समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा।