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जदयू के बयान पर राजद का पलटवार, कहा-अपराध और अपराधी को जातीय नजरिये से देखना राजद का नहीं जदयू का है संस्कार

जदयू के बयान पर राजद का पलटवार, कहा-अपराध और अपराधी को जातीय नजरिये से देखना राजद का नहीं जदयू का है संस्कार

Patna :   जदयू सांसद ललन सिंह द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के संबंध में दिये गये बयान पर राजद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि अपराध और अपराधी को जातीय नजरिये से देखने का संस्कार जदयू का हो सकता है, राजद का नहीं। 

उन्होंने कहा है कि राजद स्पष्ट रूप से मानती है कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती। नेता प्रतिपक्ष द्वारा खुले तौर पर राज्य मे बढ़ती अपराधिक घटनाओं और अपराधियों को मिल रहे सत्ता   संरक्षण पर सवाल उठाया गया है, पर मंत्री ललन सिंह द्वारा जिस लहजे में अपराधिक घटनाओं से जुड़े स्थान विशेष का उल्लेख किया गया है उससे स्पष्ट है कि जदयू अपराधिक घटनाओं को भी जातिय नजरिये से देखती है। 

चितरंजन गगन ने कहा है कि ललन सिंह को इस बात का कष्ट है कि तेजस्वी भी लालू के पदचिन्हों पर चल रहे हैं पर राजद को इस बात का फक्र है कि तेजस्वी यादव किसानों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, बेरोजगारों और नौजवानों की आवाज बनकर समाजिक न्याय की उस धारा को लेकर लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं जिसकी बुनियाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा   डाली गई थी।

राजद नेता ने कहा कि जो जदयू  आज तक कोई भी चुनाव वगैर वैशाखी के नहीं लड़ सका उसके नेता द्वारा विधानसभा चुनाव के बाद राजद की स्थिति पर टिप्पणी करना एक भद्दा  मजाक हो सकता है हकीकत नहीं। 

उन्होंने कहा कि राजद के दबाव में भाजपा ने अपने वर्चुअल रैली को 9 जून के बजाय 7 जून को करने का निर्णय लिया है। इसलिए इनकी संवेदनहीनता के प्रतिकार में अब राजद द्वारा भी 7 जून को हीं "गरीब अधिकार दिवस" मनाया जायेगा। इस अवसर पर बिहार के लोग थाली, कटोरा वगैरह बजाकर सरकार को जगाने का काम करेगें।

बता दें जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मुंगेर के सांसद ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से बड़ा सवाल पूछा है। मुंगेर सांसद ने सवाल पूछा है कि क्या तेजस्वी यादव को सिर्फ गोपालगंज का हीं रास्ता देखा हुआ है? क्या तेजस्वी को गया के सिंदूआरी और उतरामा का रास्ता नहीं दिख रहा है। उन्हें इन दोनों जगहों पर भी जाना चाहिए था, जहां गोपालगंज जैसी जघन्य हत्या हुई है। तेजस्वी को यह बताना चाहिए था कि इन दो जगहों पर किन लोगों ने हत्याकांड को अंजाम दिया है।

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