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राजद का BHUMY समीकरण: लालू यादव की पसंद बने पंच प्यारे भूमिहार, 25 फीसदी एमएलसी उम्मीदवार बने भूमिहार

राजद का BHUMY समीकरण:  लालू यादव की पसंद बने पंच प्यारे भूमिहार, 25 फीसदी एमएलसी उम्मीदवार बने भूमिहार

पटना. राजनीति बिना जाति के नहीं होती है. और लम्बे समय से लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के बारे में बिहार में एक लोकधारणा बनी कि राजद भूमिहार जाति से दूरी बनाकर रखती है. हालांकि इन अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाते हुए बिहार में 24 सीटों पर होने जा रहे विधान परिषद के चुनाव में राजद ने भूमिहार उम्मीदवारों पर बड़ा दांव खेला है. राजद ने रविवार को 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. इसमें 20 सीटों पर राजद के उम्मीदवार होंगे जबकि भागलपुर की एक सीट सीपीआई के लिए छोड़ी गई है. 

हालांकि राजद के उम्मीदवारों के नाम की सूची में सबसे बड़ा चौंकाने वाला भूमिहार उम्मीदवारों का नाम है. वह भी एक नहीं पांच पांच भूमिहारों को राजद ने उम्मीदवार बनाया है. राजद ने एक साथ पांच भूमिहार को उम्मीदवार बनाकर पार्टी की परम्परागत छवि को पूरी तरह से बदलने का काम किया है. एक तरह से देखा जाए तो राजद का 20 में से 5 भूमिहार को उम्मीदवार बनाना यानी 25 फीसदी सीट पर भूमिहार पर भरोसा जताना है. 

राजद ने पटना से कार्तिकेय कुमार, पश्चिमी चंपारण से सौरव कुमार, मुजफ्फरपुर से शंभु सिंह, मुंगेर, जमुई, लखीसराय से अजय सिंह और पूर्वी चम्पारण से राजेश रौशन उर्फ बबलू देव को उम्मीदवार बनाया है. ये सभी भूमिहार हैं. कार्तिकेय कुमार की उम्मीदवारी की घोषणा पिछले दिनों खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने की थी. वहीं शेष नामों की चर्चा भी पिछले लम्बे समय से चल रही थी और उस पर अब राजद ने मुहर लगा दी है. 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजद की ओर से पिछले कुछ समय से पार्टी की छवि बदलने की कोशिश की जा रही है. इसमें पार्टी की बड़ी कोशिश भाजपा और जदयू के कोर वोट बैंक में सेंधमारी करना भी है. सामाजिक न्याय के सिद्धांत को साकार करने के लिए अब राजद ने उसी क्रम में भूमिहार को लेकर बड़ा दांव चला है. भूमिहार जाति को पिछले लम्बे अरसे से एनडीए यानी भाजपा और जदयू का कोर वोट बैंक माना जाता है. भूमिहार की प्रभावशाली सामाजिक उपस्थिति को अगर राजद अपने पाले में लाने में सफल हो गया तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर की तरह होगा. 


दरअसल ‘माई’ यानी मुस्लिम-यादव समीकरण वाला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब ‘भूमाई’ यानी भूमिहार-मुस्लिम-यादव समीकरण की ओर बढ़ चला है. वोट बैंक के लिहाज से यादव और मुस्लिम समुदाय राज्य में बेहद प्रभावशली हैं. वहीं इनकी तुलना में भूमिहार की आबादी कम है लेकिन सामाजिक प्रभुत्व के लिहाज से जाति की प्रभावशाली उपस्थिति है. ऐसे में अगर राजद ने कोर वोट बैंक यादव और मुस्लिम के साथ भूमिहार को जोड़ने में सफलता पा ली तो यह आने वाले समय में बड़े राजनीतिक-सामाजिक बदलाव का कारक बन सकता है. 

पटना से उम्मीदवार बने कार्तिकेय सिंह मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह उर्फ़ छोटे सरकार के खास हैं. वहीं पश्चिमी चंपारण से सौरव कुमार बड़े व्यवसाई हैं. वहीं पूर्वी चम्पारण से राजेश रौशन उर्फ बबलू देव पूर्व विधायक रह चुके हैं. मुजफ्फरपुर से शंभु सिंह की छवि भी बाहुबली की रही है. मुंगेर, जमुई, लखीसराय से अजय सिंह एक बड़े व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं. हाल के कई चुनावों पर गौर करें तो यह पहला मौका है जब राजद ने इतनी बड़ी संख्या में भूमिहार को टिकट दिया हो. यह कहीं न कहीं से राजद की अघोषित ‘भूमाई’ यानी भूमिहार-मुस्लिम-यादव समीकरण को दर्शाता है. 

राष्ट्रीय जनता दल  के उम्मीदवारों की लिस्ट –

पटना से कार्तिकेय कुमार, भोजपुर, बक्सर से अनिल सम्राट, गया से रिंकू यादव, नालंदा से वीरमनी कुमार, रोहतास (कैमूर) से कृष्ण सिंह, औरंगाबाद से अनुज सिंह, सारण से सुधांशु रंजन पांडेय, सीवान से विनोद जायसवाल, दरभंगा से उदय शंकर यादव, पूर्वी चंपारण से राजेश कुमार रौशन, पश्चिमी चंपारण से सौरव कुमार, मुजफ्फरपुर से शंभु सिंह, वैशाली (हाजीपुर) से सुबोध राय, सीतामढ़ी (शिवहर) से कब्बू खिरहर, मुंगेर, जमुई, लखीसराय से अजय सिंह, कटिहार से कुंदन कुमार, मधुबनी से मेराज आलम, गोपालगंज से दिलीप सिंह, बेगूसराय/खगड़िया से मनोहर यादव, भागलपुर, सीपीआई से संजय यादव.



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