PATNA:एससी एसटी परिवार के हत्या होने पर सरकारी नौकरी देने के फ़ैसले पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजद दलित नेता एवं दलित चिंतक डॉ संजय बाल्मीकि ने जमकर सीएम नीतीश कुमार के फैसले पर भड़क गए। न्यूज फॉर नेशन से बात करते हुए उन्होंने सीएम नीतीश के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे महज चुनावी पॉलिटिकल स्टंट करार दिया। युवा दलित चिंतक डॉ संजय बाल्मीकि की माने तो 15 साल से नीतीश कुमार बिहार की गद्दी पर है।
मगर चुनावी साल में दलित वोट बैंक की राजनीति करने की कोशिस की जा रही है। हत्या की घिनौनी राजनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लॉ एन्ड ऑर्डर पूरी तरह फेल है। डीजीपी के दावे फेल हैं। बिहार पुलिस हाथ पर हाथ रखे सिर्फ शराब तस्करों से सांठ गाठ कर रही है। बिहार की जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि दलित कार्ड के इश झांसे मे न आए।
असल मुद्दे से सरकार पूरी तरह भटकाने की कोशिस कर रही है। कोरोना काल में बिहार सरकार के हर दावे की पोल खुल गई ह। स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई है। अप्रवासी मजदूरों की नौकरी खत्म हो गई । कल कारखाने बंद पड़े हैं। शिक्षा एवं छात्रावास खत्म हो चूका है। युवा दलित चिंतक डॉ संजय बाल्मीकि ने यह भी कहा कि सीएम नीतीश ने अपने कार्यकाल में दलित के 23 जाति को बांटने का काम किया है। सभी जातिओं को ठगने का काम बिहार सरकार कर रही है।