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राजद की नीतीश को दो टूक, सत्ता की मलाई नहीं चाभें बल्कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए भाजपा का साथ छोड़ें नीतीश

राजद की नीतीश को दो टूक, सत्ता की मलाई नहीं चाभें बल्कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए भाजपा का साथ छोड़ें नीतीश

पटना. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नीतीश कुमार की मांग पर राजद ने कहा है कि नीतीश कुमार को सत्ता की मलाई छोड़कर भाजपा को इस मुद्दे पर अल्टीमेटम देना चाहिए. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी शुक्रवार को न्यूज4नेशन से बात करते हुए नीतीश कुमार और भाजपा पर राज्य को छलने का आरोप लगाया. 

उन्होंने कहा, विशेष राज्य का दर्जा कोई फुटबाल नहीं है. बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग सबसे पहले राबड़ी देवी ने तात्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी से की थी. बाद में जदयू ने इसे मुद्दा बनाकर सिर्फ राजनीती की है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने पटना विश्वविद्यालय को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग प्रधानमंत्री मोदी से की थी, लेकिन उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया. अब विशेष राज्य के दर्जे की मांग का भी यही हाल है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अगर सच में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना चाहते हैं तो उन्हें भाजपा को इस बारे में दो टूक कहना चाहिए. या तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले या फिर नीतीश भाजपा का साथ छोड़ दें. 

उन्होंने कहा कि राज्य के हितों के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हमेशा से आवाज मुखर करते रहे हैं. विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में सफलता भी अब तेजस्वी यादव ही दिलाएंगे. देश में चल रहे राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में सब कुछ निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. चाहे बैंक हो या रेलवे या अन्य संसथान हर जगह कर्मचारी शोषित हो रहे है. 


वहीं, राजद नेता साधु पासवान ने कहा कि जदयू और भाजपा दोनों ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर चूहे बिल्ली का खेल खेल रहे हैं. एक ओर दोनों दल का कहना है कि राज्य में डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी ओर वे मांग मनवाने की बात करते हैं. बिहार को केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा नहीं देती तो नीतीश कुमार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. 

राज्य में जातीय जनगणना के मुद्दे पर उन्होंने कहा राजद इस मुद्दे को लेकर सक्रिय रहेगी. राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपने खर्चे पर इसे कराए. पासवान ने कहा कि देश में कांग्रेस के जमाने से ही जनसंख्या कानून ‘हम दो हमारे दो’ है, ऐसे में भाजपा अब जनसंख्या नियंत्रण कानून के नाम पर लोगों को भरमा रही है. 


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