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राजद की बेशर्म सफाई, पीड़िता का हाथ पकड़ कर नीचे उतारना जबर्दस्ती नहीं

राजद की बेशर्म सफाई, पीड़िता का हाथ पकड़ कर नीचे उतारना जबर्दस्ती नहीं

PATNA :  गया के  गुरारू गैंग रेप मामले में पीड़िता की पहचान उजागर किये जाने से तेजस्वी यादव बैकफुट पर गये हैं। राजद नेताओं ने जिस तरह पीड़िता को पुलिस की जीप से खींच कर मीडिया के सामने रेप की कहानी सुनाने को कहा, वह शर्मनाक है। इस मामले में अब तेजस्वी के दूत बने राजद के नेता बेशर्मी के साथ सफाई दे रहे हैं। पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में राजद नेता आलोक मेहता, विधायक सुरेन्द्र यादव, राजद महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष आभालता, गया जिला राजद महिला अध्यक्ष सरस्वती देवी और गया जिला राजद अध्यक्ष निजाम आलम को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। करीब सात-आठ अज्ञात के खिलाफ भी FIR दर्ज किया गया है।

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सच पर झूठ का पर्दा डालते हुए आलोक मेहता ने कहा कि उन्होंने ने ही मीडिया को पीड़िता से बातचीत करने से रोका था। हाथ पकड़ कर किसी को नीचे उतारना, जबर्दस्ती नहीं। किसी घटना की जांच केवल पुलिस ही नहीं करती, राजनीतिक दल भी उसकी जांच करते हैं।


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जहां तक जबर्दस्ती की बात है तो वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीड़िता के एक परिजन ने नेताओं के सवाल पूछने पर जब एतराज जताया तो एक महिला नेता ने उनके हाथ को झटक दिया। उन्हें चुप करा दिया गया। नेताओं के सवाल पर पीड़िता जब गुस्से में फूट पड़ी तब भी नेताओं को अपनी गलती का अहसास नहीं हुआ।

इस मामले में राजद की महिला नेता आभालता की सफाई सबसे शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पीड़िता पर चुप रहने के लिए बहुत दवाब था। उसे कुछ कहने से रोका जा रहा था। हम न्याय दिलाने के लिए उस लड़की से बात करना चाहते थे। जब उनसे पूछा गया कि आप पीड़िता को पुलिस जीप से क्यों उतार रही थीं तो वे इधर उधर की बात करने लगीं। फिर वे अपने असली रंग में आ गयीं। वे बोलीं केस-मुकदमा कर के सरकार मुझे डराना चाहती है। मैं इससे नहीं डरती। महिला आयोग के संज्ञान पर उन्होंने कहा कि यह तो सरकारी संस्था है।

शर्मनाक हरकत के बाद भी राजद के नेता ढीठ की तरह खुद को सही साबित करने पर तुले हैं। पीड़िता सदमे है, लेकिन इसके बाद भी राजद नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए उसे सार्वजनिक रूप से रेप की कहानी सुनाने के लिए दबाव बना रहे थे।

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राजद के सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि किस आधार पर FIR  दर्ज किया गया है, ये तो मालूम नहीं लेकिन राजद के नेता तो पीड़िता तो सांत्वना देने गये थे। पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा का प्रावधान है। स्पेशल ट्रायल चला कर आरोपियों को फांसी की सजा दिलायी जाए। लगता है जीतन राम मांझी ने राजद नेताओं का वीडियो देखा नहीं है या फिर सब कुछ देख कर भी नहीं जानने का ढोंग कर रहे हैं। मांझी जी, एक बार इस वीडियो को देखिए और बताइए कि क्या सदमे में डूबी लड़की को इस तरह सांत्वना दी जाती है ? राजनीति के लिए नेता कितना नीचे गिरेंगे, इसकी कोई हद नहीं।

इस घटना क्रम पर जदयू आक्रामक है। जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी जी, रेप पीड़िता का दर्द क्या होता है, अगर आप ये जानते तो अपने नेताओं से उसके साथ शर्मनाक हरकत नहीं करवाते।

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