PATNA : न्यायिक व्यवस्था में वंचित तबके को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने आवाज उठाई है। लेकिन एनडीए के अन्य दलों ने इसका समर्थन नहीं किया है। रालोसपा ने न्यायिक व्यवस्था में एससी-एसटी, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों व गरीब सवर्णों की उचित नुमाइंदगी के लिए देश व्यापी अभियान छेड़ने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत रविवार को दिल्ली से होगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री मंन्त्री उपेंद्र कुशवाहा सहित पार्टी के तमाम बड़े नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे । यह कार्यक्रम दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में होगा।
इसके बाद रालोसपा पटना में भी ‘हल्ला बोल दरवाजा खोल’ कार्यक्रम करेगी। रालोसपा के इस कार्यक्रम से भाजपा- जदयू ने दूरी बना रखी है। भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने बताया की उनके इस कार्यक्रम में बीजेपी शामिल नही होगी। हर पार्टी का अपना अपना अलग एजेंडा होता है। उसी के तहत सारी पार्टियां काम करती हैं।पार्टी के रास्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मल्लिक ने बताया कि इस अभियान में सभी लोग शामिल हों। पार्टी का मानना है की देश में न्यायिक व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए।
कोलेजियम सिस्टम की वजह से अनुसूचित
जाति, जनजाति, पिछड़ी और ऊंची जाति के गरीब लोग
जज नहीं बन सकते। भले ही वह कितना भी मेधावी क्यों नहीं हो। जज खुद ही अपना उत्तराधिकारी
चुन लेते हैं। वे लोग ही तय करते हैं अगला जज कौन होगा। यह व्यवस्था लोकतंत्र के
लिए सही नहीं है। राष्ट्रपति भी न्यायालय की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर चुके । पार्टी
का मानना है कि केन्द्र सरकार ने न्यायालय में प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास किया
था, जिसे न्यायालय
ने नामंजूर कर दिया।