PATNA: महागठबंधन में कहने को तो सब कुछ ठीक ठाक है लेकिन कोरोना के संक्रमण काल के बीच एक ट्वीट ने खलबली मचा दी है. महागठबंधन में रालोसपा भी पार्टनर है इसी बीच पार्टी के नेता फजल इमाम मल्लिक के एक ट्वीट के बाद चर्चा का बाज़ार गरम है.
दरअसल हुआ कुछ ऐसा की उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल तेजस्वी के साथ हैं। यह बखूबी सबको मालूम है. लेकिन जब उनकी ही पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव कुछ मुद्दों को लेकर तेजस्वी यादव को उपेंद्र कुशवाहा का पिछलग्गू नेता बताते हैं तो कुशवाहा उसका समर्थन करते हैं. जब आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम तेजस्वी को पिछलग्गू बताते हुए ट्वीट करते हैं तो कुशवाहा उसे लाइक करते हैं.
ट्वीट और उसे लाइक करने के बाद शुरू हुए मामले में अब रालोसपा ने सफाई देते हुए इसे निजी विचार कहा है.. रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने स्पष्ट किया कि फजल इमाम मल्लिक के बयान का रालोसपा से कोई संबंध नहीं है. फ़ज़ल इमाम मल्लिक पेशे से पत्रकार हैं. उनकी पत्रकारिता में हस्तक्षेप नैतिकता एवम निर्धारित मापदंडो के खिलाफ है. अभिषेक झा कहते है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के बयान को रालोसपा का अधिकारिक बयान नहीं माना जाना चाहिए.
इसके पहले भी कई बार देखा गया है की तेजस्वी यादव स्वयंभू अपने को महागठबंधन का नेता घोषित करते रहे हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा से लेकर जीतन राम मांझी तक इसका विरोध करते रहे हैं. महागठबंधन के अंदर चल रही महत्वाकांक्षा की लड़ाई कई दफा खुलकर सामने आ चुका है.