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कैमूर के इस गाँव में आज़ादी के 77 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क, बारिश में खटिया पर मरीज को लादकर ले जाते हैं ग्रामीण

कैमूर के इस गाँव में आज़ादी के 77 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क, बारिश में खटिया पर मरीज को लादकर ले जाते हैं ग्रामीण

KAIMUR : जिले के भभुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत सिकठी अंतर्गत चांदोरुइयां गांव आजादी के 77 साल के बाद भी विकास से कोसों दूर है। जहां अभी भी रास्ता के अभाव में बीमार लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए चारपाई के साथ चार कंधों की जरूरत पड़ती है। जहां सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियां झेलनी पड़ती है।

सड़क के अभाव में मुख्य सड़क से गांव में आने-जाने के लिए आज भी लोग खेतों की पगडंडी भरी कच्चे रास्ते से होकर गुजरते हैं। यहीं नहीं सबसे बड़ी बात यह है कि यह गांव जिला मुख्यालय से मात्र 5 किमी की दूरी पर है। फिर भी यह गांव पक्की सड़क से वंचित है। इसे सरकारी तंत्र व जनप्रतिनिधियों की नाकामी कहें या फिर कुछ और, एक लंबा अरसा बीतने के बावजूद भी इस गांव में सड़क नही बन सका है। जबकि प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सड़क योजना जैसी योजनाओं के आने के बाद गांव की मुख्य सड़क को लिंक पथ से जोड़ा गया है।  

लेकिन यह गांव सरकार की सड़क योजनाओं से पूरी तरह से वंचित है। इस गांव में महादलित समुदाय के करीब 30 घर,यादव समुदाय के 5 घर,बिंद समुदाय के 70 घर तथा राजपूत वर्ग के 10 घर तथा अन्य जातियों के लोग भी वास करते हैं। अगर बात करें तो गांव की जनसंख्या 700 के पार है। ग्रामीण विजय राम, रामसागर राम, परमहंस राम,गुड्डू यादव,संजय पासवान,कोमल बिंद, बद्री बिंद व अमन सिंह ने बताया कि गांव का पहुंच मार्ग कच्चा और सकरा है। बारिश के दिनों में कीचड़ से सनी होती है। ऐसे में इस कच्चे रास्ते से दोपहिया वाहनों को भी निकलना मुश्किल हो जाता है। चुनाव में जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार आश्वासन की घूंट पिलाई जाती है। 

बरसात के मौसम में गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर लेकर जाने के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है। ग्रामीणों ने बताया की समस्या को लेकर बुधवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल से मिले थे। बता दें कि ग्रामीणों द्वारा सड़क की समस्या से अवगत होने के बाद गुरुवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने उक्त गांव का दौरा किया। गांव की बदहाली देख जिला पार्षद आश्चर्य चकित रह गए। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले से जिला के वरीय अधिकारियों को अवगत कराऊंगा और समस्या का निराकरण हेतु हर संभव प्रयास करूंगा। अगर बात करें बिहार सरकार का तो बिहार के विकास के बारे में बड़े बड़े दावे पेश करती है। लेकीन धरातल पर कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नाकामी के कारण अभी कई तरह के खोखली योजनाएं देखा जाता है। भभुआ जिला पार्षद विकास सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए सड़क सहित सभी सुविधा गांव तक पहुंचने की बात कही गई है।

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट


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