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जीरादेई में बनेगा आरओबी, पहले राष्ट्रपति के पैतृक घर और गांव का होगा बुनियादी विकास, फैसले से हाईकोर्ट को कराया गया अवगत

जीरादेई में बनेगा आरओबी, पहले राष्ट्रपति के पैतृक घर और गांव का होगा बुनियादी विकास, फैसले से हाईकोर्ट को कराया गया अवगत

PATNA : पटना हाईकोर्ट में  देश के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा के मामलें पर सुनवाई कल तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच  विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में डिवीजन बेंच ने  केंद्र सरकार ( आर्केलोजिकल् सर्वे ऑफ इंडिया) को 21 जनवरी,2022 तक हलफनामा  दायर करने का निर्देश दिया था। 

पिछली सुनवाई में कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर किया गया था। कोर्ट को इसमें जानकारी दी गई कि राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 जनवरी,2022 को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें सम्बंधित विभाग के अपर प्रधान सचिव सहित अन्य वरीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे, जिनमें पटना  और सीवान के डीएम भी शामिल थे। इसमें कई तरह के जीरादेई में विकास कार्य के साथ पटना में स्थित बांसघाट स्थित डा राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और सदाकत आश्रम की स्थिति सुधारें जाने पर विचार तथा निर्णय लिया गया।


गांव में होगा बुनियादी विकास

इस बैठक में जीरादेई गांव से दो किलोमीटर दूर रेलवे क्रासिंग के ऊपर फ्लाईओवर निर्माण पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। साथ ही राजेंद्र बाबू के पैतृक घर और उसके आस पास के क्षेत्र के विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध  के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।  

 हाईकोर्ट ने इससे पहले अधिवक्ता निर्विकार की अध्यक्षता में वकीलों की तीन सदस्यीय कमिटी गठित की थी।कोर्ट ने इस समिति को इन स्मारकों के हालात का जायजा ले कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। इस वकीलों की कमिटी ने जीरादेई के डा राजेंद्र प्रसाद की पुश्तैनी घर का जर्जर हालत, वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास में पीछे रह जाने की बात अपनी रिपोर्ट में  बताई।साथ ही पटना के बांसघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर गन्दगी और रखरखाव की  स्थिति भी असंतोषजनक पाया।वहां काफी गन्दगी पायी गई और सफाई व्यवस्था, रोशनी आदि की खासी कमी थी।

इस मामलें पर अब अगली सुनवाई 22 जनवरी,2022 को होगी।

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