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देवघर हादसे के बाद नालंदा के राजगीर में रोपवे की बढ़ाई सुरक्षा, परिचालन से पहले हो रही जांच

देवघर हादसे के बाद नालंदा के राजगीर में रोपवे की बढ़ाई सुरक्षा, परिचालन से पहले हो रही जांच

नालंदा. झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर स्थित पर्यटन स्थल त्रिकुट पर्वत पर ऊपर जाने के लिए बने रोप-वे हादसा के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर में भी रोपवे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां आठ सीटर केबिन रोप-वे पर्यटकों के लिए खास है। रोजाना आठ सौ लोग इसकी सैर करते हैं। आज आठ सीटर केबिन रोप वे व सिंगल चेयर लिफ्ट रोप वे राजगीर पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। रोजाना आठ सौ की संख्या में सपरिवार पर्यटक इस पर सवार होकर विश्व शांति स्तूप का दर्शन करते हैं।

देवघर हादसे के बाद रोपवे के मैनेजर गौरव कुमार ने बताया कि रोजाना रोप वे के परिचालन के दो घंटे पूर्व मेंटनेंस और सुरक्षा की जांच पड़ताल की जाती है।इसके बाद अपर व लोअर स्टेशन इंचार्ज से प्राप्त लिखित सूचना के बाद जांच करने के बाद रोप वे का परिचालन शुरू किया जाता है। आठ सीटर रोपवे में आवागमन में 10 मिनट व सिंगल चेयर लिफ्ट में 15 मिनट लगाता है। इसमें 11 टावर हैं। आठ सीटर रोपवे में छह टावर हैं।

मोनोकेबल केंडूला डिटैचेबल ग्रिप तकनीक से बना है रोपवे

वहीं आठ सीटर केबिन रोप वे निर्माण सह मेंटनेंस कंपनी कन्विनियर एंड रोप वे सर्विसेज प्रा लि के डीजीएम सुप्रियो मंडल ने बताया कि मोनोकेबल केंडूला डिटैचेबल ग्रिप तकनीक से आठ सीटर केबिन रोप वे परिपूर्ण है। उन्होंने देवघर जैसी घटना की पुनरावृत्ति की नहीं होने का दावा किया। निर्माण के दौरान बारीकी जांच में रत्नागिरी पर्वत के पत्थरों और मिट्टी का की गहन जांच कर टावर का फाउंडेशन किया गया है। फिर टावर के उपर लोड, विंड प्रेशर आदि को देखकर डिजाइन किया गया है। डिजाइन में सभी ए टू जेड सेफ्टी का ख्याल पांच गुणा अधिक रखा गया है।

न्यूनतम साढ़े चार व अधिकतम 25 मीटर है ऊंचाई

डीजीएम सुप्रियो मंडल ने बताया कि इस रोपवे की मिनिमम हाईट साढे़ चार तथा मैक्सिमम हाइट 25 मीटर है। रोजाना रोप वे परिचालन के लगभग दो घंटे पहले मेंटनेंस का काम किया जाता है। अपर से लोअर स्टेशन तक एक-एक केबिन का परिचालन कराकर मैनेजर द्वारा एनओसी जारी की जाती है। तब पर्यटकों को इजाजत दी जाती है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के जीवन का सवाल है। इसलिए इसे पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित बनाया गया है।

सीढ़ियों के साथ विशेष प्रशिक्षित टीम करती रेस्क्यू

अगर केबिन बीच रास्ते में रुक जाती है तो वर्टिकल रेस्क्यू के तहत केबिन में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की भी व्यवस्था की गई है। सिंगल चेयर रोपवे से फोल्डेबल सीढ़ियों के सहारे निकालने की व्यवस्था है। आठ सीटर केबिन रोपवे से रेस्क्यू के लिए प्रशिक्षित टीम मौजूद है। रोपवे को चेन के सहारे इधर-उधर करने की भी सुविधा है। इससे रेस्क्यू आसान हो जाता है।

पास ही है सिंगल सीटर रोपवे

विश्व शांति स्तूप तक जाने के लिए कई साल से यहां जापान के सहयोग से सिंगल सीटर रोपवे का निर्माण कराया गया है | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवास यात्रा के दौरान कैबिनेट की बैठक के दौरान आठ सीटर रोपवे निर्माण की घोषणा की थी | इसका उद्घाटन इस साल फरवरी माह में मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा किया गया था | तब से यह कार्यरत है | आठ सीटर रोपवे के साथ साथ पर्यटक सिंगल सीटर रोपवे पर बैठकर विश्व शांति स्तूप का दर्शन करते हैं |

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