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RTO और इंट्री माफियाओं के बीच कैमूर में ओवरलोडिंग में दिख रही सांठ गांठ

RTO और इंट्री माफियाओं के बीच कैमूर में ओवरलोडिंग में दिख रही सांठ गांठ

कैमूर : कैमूर में बालू लदे ट्रकों की ओवर लोडिंग लगातार जारी है. इस खेल में अधिकारी और बालू लदे ओवरलोडिंग गाड़ियों को पार कराने वाले इंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं. सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए राजस्व का नुकसान हो रहा है. यह कोई खेल नया नहीं है. प्रतिदिन परिवहन विभाग के आरटीओ रोड पर रहते है, उसके बावजूद अधिकारियों के सामने से इंट्री माफिया बालू लदे ओवरलोड गाड़ी को आसानी से ले जाते है. प्रशासन मुक दर्शक बना रहता है.  कभी-कभी अधिकारी कार्रवाई के नाम पर धर पकड़ दिखाते हैं तो ट्रक वाले भागने के दौरान लोगों को धक्का मारते हुए निकल जाता है. जिस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों की जान सुरक्षित नहीं रह गया.

कैमूर जिले के NH -2 से बालू लदे गाड़ियों का परिवहन कैमूर के रास्ते up तक प्रतिदिन जाता है, लेकिन अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति करने में लगे रहते हैं. कैमूर जिले में स्थित मोहनिया टोल प्लाजा बताता है एक जनवरी से दस जनवरी के बीच में प्रतिदिन 1475 बालू लदे ओवर लोडेड ट्रक उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग के दो इनफार्समेंट अधिकारियों की प्रतिनियुकति भी किया गया है, लेकिन करवाई के नाम पर सिर्फ 10 से 15 गाड़ियां प्रतिदिन पकड़कर सरकार के आंखों में धूल झुकने का काम किया जाता है। जहां 1475 गाड़ियां एक दिन में पार होती है वहां सिर्फ 10 से 15 गाड़ियां ही अधिकारियों की हाथो पकड़ी जाती है तो वैसे में अधिकारी और इनट्री माफियाओं की सांठ गांठ कहना गलत नहीं होगा। जब परिवहन विभाग के इंफोर्समेंट अधिकारी अपनी ड्यूटी इमानदारी पूर्वक करते हैं तो आखिर ओवरलोड सब गाड़ियां क्यों नहीं दिखाई देती। 

ट्रक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बताते हैं परिवहन विभाग के दो आरटीओ को गाड़ियों को पकड़ने के लिए सरकार ने कैमूर जिले के एनएच 2 पर लगा रखा है, लेकिन वह अधिकारी गाड़ियों को पकड़ने की जगह इंट्री लेकर गाड़ियों को पार करवाने का काम कर रहे हैं । प्रतिदिन लगभग डेढ़ हजार गाड़ियां पार हो रही है परिवहन विभाग के दोनों आरटीओ गाड़ियों को पकड़ने के लिए जब रोड पर इमानदारी पूर्वक ड्यूटी करते हैं तो उन्हें यह गाड़ियां क्यों नहीं दिखाई देती। यह अधिकारी पहले बालू लदे ओवरलोड ट्रकों को रोकते हैं फिर अपने इंट्री की गाड़ियों के आने का इंतजार करते हैं। और जैसे ही इनकी इंट्री वाली गाड़िया आती है, आरटीओ रोड से थोड़ी देर के लिए हट जाते हैं। उसी में सारी गाड़ी पार होने लगती है। जो इनके सिस्टम में नहीं आता है उसी गाड़ियों को पकड़कर कार्रवाई बताते हैं। बालू लदे ओवर लोडेड ट्रको से पांच हजार रुपया प्रतिमाह आरटीओ द्वारा लिया जाता है। 

वही मोहनिया के समाज सेवी बाडू सिंह बताते हैं मोहनिया से वाराणसी की दूरी मात्र 70 किलोमीटर है। राष्ट्रीय राजमार्ग से जाने में मात्र एक घंटा का समय पहले लगता था, लेकिन कैमूर के अधिकारियों ने ओवर लोडिंग रोकने की जगह पर वह ओवरलोडिंग का ऐसा खेल खेल रहा है जिससे वाराणसी जाने में एक घंटा की जगह पर 3 से 4 घंटे लग जाते हैं। लोगों को इलाज के लिए एकलौता वाराणसी ही हायर ट्रीटमेंट वाली जगह है। जहां कुछ लोग जाम में फंस कर रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

मोहनिया टोल प्लाजा के असिस्टेंट मैनेजर निशांत सिंह ने बताया एक जनवरी से 10 जनवरी के बीच में औसतन 1475 ओवरलोड ट्रक वाराणसी की तरफ गए हैं । जिसमें बहुत ज्यादा बालू की गाड़ियां ही थी। हम लोग ओवरलोड गुजरने वाली गाड़ियों का आँकड़ा प्रतिदिन कैमूर जिला अधिकारी, परिवहन पदाधिकारी, sdm, dsp ,sp और एन एच आई के वरीय अधिकारियों को भेजते हैं। फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है।

कैमूर जिले के प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी पी के झा ने बताया एक जनवरी से दस जनवरी के बीच में औसतन प्रतिदिन लगभग 15 से 20 गाड़ियों को पकड़ा गया है । ओवरलोडिंग पर कारवाई लगातार जारी है। इंट्री माफियाओं का खेल चल रहा है, चिन्हित कर कार्रवाई बहुत जल्द किया जाएगा । आरटीओ एंट्री चला रहे हैं ऐसा शिकायत मिला है, जांच कर करवाई किया जाएगा।

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