वैशाली जिले के स्वास्थ्य विभाग में किस तरह अधिकारियों की मनमानी चल रही है। इसकी हकीकत एक बार फिर से सामने आ गई है। जब रविवार को हल्की बारिश में पूरा सदर अस्पताल परिसर जलमग्न हो गया। अस्पताल में दो दिन पहले पहले ही डीएम डीएम उदिता सिंह ने निरीक्षण किया था और साफ सफाई को लेकर नाराजगी जिले के सिविल सर्जन-अस्पताल उपाधीक्षक को फटकार लगाई थी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। जाहिर है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डीएम की बातों को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं और पूरे अस्पताल को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
जलजमाव से होकर गुजरना नियती
सदर अस्पताल में जलजमाव की यह हालत पहली बार सामने नहीं आई है। इससे पहले शहर में बारिश हुई है, इस बात की पुष्टि सदर अस्पताल करता रहा है। 10 मिनट की बारिश में ही पूरा अस्पताल परिसर जलमग्न हो जाता है। लॉकडाउन के दौरान अस्पताल की कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थी,जिसमे अस्पताल के वार्डों में भी जलजमाव की बात सामने आई थी। लेकिन, इतना सब होने के बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से इससे छुटकारा पाने को कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा सकी।
दो दिन पहले जब डीएम खुद अस्पताल में फैली गंदगी को लेकर नाराजगी जाहिर की तो उम्मीद थी कि अस्पताल प्रबंधन अब साफ सफाई और जलजमाव को लेकर कुछ काम करेगा। लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। हालत जस के तस हैं। मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल में जलजमाव से होकर गुजरना नियति बन चुकी है.