बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

चिराग अब क्या जवाब देंगे? जनता से कहे थे कि नीतीश कुमार को जेल भेजेंगे और अब घुटने टेक दिए,जीजा साधु पासवान का बड़ा हमला

चिराग अब क्या जवाब देंगे? जनता से कहे थे कि नीतीश कुमार को जेल भेजेंगे और अब घुटने टेक दिए,जीजा साधु पासवान का बड़ा हमला

PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव में वोटरों ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा की हवा निकाल दिया। जनता ने लोजपा के पैर से नीचे से जमीन खीच ली। चिराग पासवान चले थे नीतीश कुमार को जेल भेजने और बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने लेकिन सारी मंशा धरी की धरी रह गई। चिराग न तो सीएम नीतीश को जेल ही भेज सके और न भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना पाये।अब तो लोजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने चिराग को सलाह दी है कि बिहार में रहना होगा तभी कुछ संभव है। बेचैन चिराग पासवान ने जेडीयू-बीजेपी के सामने सरेंडर करने की खबर सामने आ रही है . नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात करने वाले चिराग पासवान अब नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल नहीं उठायेंगे. अब रामविलास पासवान के दामाद साधु पासवान ने अपने साले चिराग पासवान से पूछा है कि अब किस मुंह से जनता के बीच जायेंगे? कहे थे कि सीएम नीतीश की योजनाओं की जांच करा उन्हें जेल भेंजेगे और चुनाव बाद मुख्यमंत्री के समक्ष सरेंडर कर दिये......।

अब क्या जवाब देंगे चिराग

न्यूज4नेशन से बातचीत में रामविलास पासवान के दामाद साधु पासवान ने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के सामने घुटना टेक कर सरेंडर कर दिया है। चिराग पासवान चुनाव के दौरान जनता को कहे थे कि नीतीश कुमार को जेल भेजेंगे.अब बिहार की जनता को क्या जवाब देंगे। अगले चुनाव में जायेंगे तो जनता पूछेगी कि आपने नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात कही थी,क्या हुआ.......ऐसा लगता है कि बीजेपी के दबाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के सामने सरेंडर कर दिया है। बिहार की जनता 10 साल पहले की बात याद रखती है। जब जनता 5 सालों के बाद पूछेगी तो क्या जवाब देंगे। पासवान के दामाद ने कहा कि चिराग पासवान अप्रवासी हैं. ये तो बिहार में रहते नहीं। ऐसे में उनके नेताओं ने पटना में रहने की सलाह दी है वो ठीक ही दिया है। 


चिराग पासवान अब नजदीकी बनाने में जुटे?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तल्ख बयान देने वाले चिराग पासवान अगले छह महीने तक उनकी आलोचना नहीं करेंगे।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीमो ने अपने नेताओं को नसीहत दी है कि आप लोग भी शांत रहिए। संगठन को मजबूत बनाने के काम में जुट जाइए।बुधवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पार्टी नेताओं की बैठक में चिराग ने अपने नेताओं से कहा कि 2010 में जब लोजपा राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी। उस चुनाव में भी लोजपा की करारी हार हुई थी। तब रामविलास पासवान ने कहा था कि अगले 6 महीने तक सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। उसी तर्ज पर इस बार भी अगले 6 महीनों तक सरकार की आलोचना नहीं करेंगे। माना जा रहा है कि चिराग के रुख में बदलाव भाजपा के निर्देश की वजह से आया है। नई सरकार के गठन के बाद भाजपा नहीं चाह रही है कि लोजपा के चलते घटक दलों के बीच कटुता का माहौल कायम हो।

लोजपा फिर से एनडीए में बने रहने की जुगत में जुटी 

चिराग पासवान एनडीए में बने रहने की जुगत में जिटे हैं.बिहार चुनाव में मिली करारी पराजय और  रामविलास पासवान की राज्यसभा सीट छीने जाने के बाद भी पार्टी अलगाव नहीं चाह रही. बैठक में मौजूद एक पूर्व एमएलसी चाह रहे थे कि लोजपा राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी को तबाह करने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं रखी। सीटें भले ही एक मिली हों, पर राज्य सरकार के विरोध के कारण ही पार्टी का जनाधार बढ़ा है। आगे भी विरोध जारी रहे तो पार्टी को लाभ मिलेगा। 

LJP नेताओं ने सुप्रीमो को दी सलाह

विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब नेताओं के साथ मंथन में जुटे हैं। सुुप्रीमो पिछले पांच दिनों से पटना में हैं और मंथन कर रहे हैं। वे अपने नेताओं से मिलकर हार की वजह तलाश रहे हैं।बुधवार को चिराग पासवान ने लोजपा दफ्तर में पार्टी के सांसद , पूर्व सांसद , प्रदेश संसदीय बोर्ड , प्रदेश के सभी उपाध्यक्ष ,प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व पार्टी के सभी प्रवक्ताओं के साथ बैठक की थी। चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं के साथ चुनावी हार के कारण जाना। चिराग ने नेताओं से पूछा कि आखिर लोजपा को इतनी बड़ी हार कैसे मिली....।इसके साथ ही चिराग ने पार्टी नेताओं के साथ अगली रणनीति पर भी चर्चा की।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सुप्रीमो चिराग पासवान को आईना दिखा दिया। पार्टी नेताओं ने मीटिंग में अपने सुप्रीमो को सलाह दिया कि बिहार की राजनीति करना है तो बिहार में समय देना होगा। बिना समय दिये संगठन की मजबूती नहीं मिल सकती है।वरिष्ठ नेताओं की सलाह का कई अन्य नेताओं ने समर्थन भी किया। 

Suggested News