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सनातन धर्म में हैं ये पांच दान का महत्त्व, जिससे होता है मनुष्य का कल्याण

सनातन धर्म में हैं ये पांच दान का महत्त्व, जिससे होता है मनुष्य का कल्याण

डेस्क... हर धर्म में दान करने को बहुत महत्त्व बताया गया है। सनातन धर्म में भी दान का महत्त्व को  बताया गया है। माना जाता है कि दान करने से मनुष्य का इस लोक के बाद परलोक में भी कल्याण होता है। लेकिन आज के बदलते समय में लोगों ने दान का अर्थ को ही बदल दिया है ,लोग इसे धन दान तक ही सीमित रख रहे है| चाहें इसे समय की कमी कहें या कुछ और। दान ,धर्म और कर्म यह वो कामहै जिसे हमें मनुष्य योनी में  करने के लिए कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही दान करने की परंपरा चली आ रही है। हिंदू सनातन धर्म में पांच प्रकार के दानों का वर्णन किया गया है। ये पांच दान हैं, विद्या, भूमि, कन्या, गौ और अन्न दान। इन पांचो दानों को बहुत श्रेष्ठ माना गया  है। लेकिन दान करते समय ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार का दान निस्वार्थ भाव से किया जाना चाहिए,  तभी यह फलीभूत होता है। तो चलिए जानते हैं इन पांचो दानों का महत्व...

विद्या दान :- विद्या  हमारे जीवन में सबसे ज्यादा  रखता है.भारतीय संस्कृति में शुरू से गुरु –शिष्य परंपरा रहा है.शिक्षा हमें बुद्धिमान ,सौम्य , संवेदनशील और विवेकी बनाता है .इसके दान से समाज और विश्व का कल्याण होता है . यह एक ऐसा दान है जो दान करने से बढ़ता है. 


भूमि दान :- भूमि दान से अक्षय पुण्य मिलता है. पौराणिक काल से राजा अपने पाप को निष्क्रिय करने के लिए भूमि का दान करते आये है. यदि भूमि दान का उपयोग आश्रम, विद्यालय, भवन, धर्मशाला, प्याउ, गौशाला निर्माण आदि के लिए  किया जाए तो यह श्रेष्ठ माना जाता है.


कन्या दान – यह दान माता –पिता के द्वारा अपनी बेटी को शादी के वक्त किया जाता है.दान देने के समय वर से यह प्रण लिया जाता है की वह कन्या के सारे जिम्मेदारियों को अपने कंधे पर ले लेंगे .


गौ दान – गाय को हम अपने धर्म में पूजते आये है.सनातन धर्म के अनुसार गाय का दान करने से  व्यक्ति और उसके पूर्वजों को जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिलती  है.

 

अन्न दान – जैसा की हम सभी जानते है की अन्न का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है . हम अन्न के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते . ऐसे में जो लोग  भूखे लोग को अन्न का दान करते है उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में जितना हो सके गरीब ,असहाय और पंछी या जानवर को अन्न खिलावें .दान करने से हमारे आत्मा को भी संतुष्टि मिलती है और मन में एक सुखद अनुभव का एहसास होता है .

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