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सप्ताह में छ : दिन करे एक्सरसाइज, बने रहेंगे सेहतमंद, चुस्त-दुरुस्त और फिट

सप्ताह में छ : दिन करे एक्सरसाइज, बने रहेंगे सेहतमंद, चुस्त-दुरुस्त और फिट

डेस्क... चाहे वजन नियंत्रित रखना हो या फिर टाइप-2 डायबिटीज , हृदयरोग को दूर रखना हो, डॉक्टर हमेशा से  खानपान पर ध्यान देने के साथ-साथ व्यायाम की भी सलाह देते हैं. हालांकि,  फिटनेस एक्सपर्ट  की मानें तो जिम में रोज-रोज पसीना बहाने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है। शोधकर्ताओं ने  अध्ययन के बाद यह पाया कि हफ्ते में कम से कम एक दिन एक्सरसाइज से ब्रेक जरूर लेना चाहिए.


टिश्यू को मरम्मत का समय मिलेगा

शोधकर्ताओं के मुताबिक कसरत के दौरान हड्डियों और मांसपेशियों पर काफी दबाव पड़ता है। इससे टिश्यू के टूटने और फटने का खतरा रहता है। हालांकि, व्यक्ति अगर हफ्ते में एक दिन का आराम ले ले तो टिश्यू को आराम तो मिलता ही है, साथ ही शरीर को  मरम्मत के लिए समय भी मिल पाता है। एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि रोज-रोज तीव्र गति की एक्सरसाइज करने और शरीर के टिश्यू को मरम्मत करने का मौका न देने पर हड्डियों व मांसपेशियों में घिसने की शिकायत हो सकती है। इससे व्यक्ति में हड्डी के फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.


मांसपेशियों में चोट की आशंका घटेगी

अध्ययन के दौरान देखा गया कि एक्सरसाइज में  ब्रेक नहीं शामिल करने पर शरीर  बुरी तरह से थक जाती है. इससे व्यक्ति न सिर्फ मांसपेशियों में खिंचाव और जोड़ों में दर्द की समस्या से जूझने लगता है, बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी सुस्त होने लगता है. उस स्तर पर पहुंचने पर एक्सरसाइज से लंबे समय तक दूरी बनाने की भी नौबत आ सकती है. स्पोर्ट्स के बड़े-बड़े खिलाड़ी भी ब्रेक को अपने एक्सराइज और अभ्यास रूटीन का हिस्सा बनाना जरूरी समझते हैं. इससे वे तन-मन से खेल पर ज्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित हो पाते हैं.


दिमाग को भी चाहिए आराम

एक्सरसाइज करते समय शरीर में स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्त्राव बढ़ जाता है. इससे मस्तिष्क को यह संदेश जाता है कि शरीर कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. ऐसे में फैट और कॉर्बोहाइड्रेट के ऊर्जा में तब्दील होने की गति धीमी पड़ जाती है.


नई ऊर्जा जुटाने में मदद मिलेगी

शोधकर्ताओं की मानें तो एक्सरसाइज से ब्रेक मांसपेशियों का घनत्व बढ़ाने में भी असरदार है. इससे शरीर नई ऊर्जा के साथ कसरत करने के लिए प्रेरित होता है. ब्रेक के समय अच्छी नींद लेने और पसंदीदा फिल्में देखने की   सलाह दी, ताकि ‘फील गुड’ हार्मोन का स्त्राव हो और मरम्मत करने की गति में तेजी आए.


कसरत से मन नहीं उचटता

अध्ययन में यह भी देखा गया कि ब्रेक एक्सरसाइज को लेकर बोरियत का भाव नहीं पनपने देता है। ऐसे में  व्यक्ति में कसरत के प्रति ज्यादा दिलचस्पी पैदा होती है. वह महसूस कर पाता है कि एक्सरसाइज से उसके तन-मन में कितने सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं. इसे रेगुलर करना कितना फायदेमंद है.

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