Sasaram : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किये जाते है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। रोहतास जिले से आई एक तस्वीर ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
जिले के करपुरवा गांव की रहने वाली मरीज मनवती देवी पिछले कई दिनों से ठेले पर सवार होकर इलाज के लिए अस्पताल आती है। उसके पति जगनारायण प्रतिदिन ठेला खींचकर उसे अस्पताल तक पहुंचाते हैं और इलाज करा कर फिर घर चले जाते हैं। पूरा अस्पताल प्रशासन इस नजारा को देखता है। लेकिन कोई इसका सुध लेने वाला नहीं है।
कहने को तो सदर अस्पताल में एंबुलेंस से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं हैं। सरकार का दावा हैं कि एक फोन कॉल पर मरीज को एंबुलेंस सेवा मिलेगी, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। मरीज के पति जगनारायण से जब पूछा गया कि आप एंबुलेंस से अपने मरीज को क्यों नहीं लाते तो वे कहते है कि हम गरीब लोगों का पूछने वाला कौन है।
वहीं इस बाबत सदर अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है।
सासाराम से राजू कुमार की रिपोर्ट