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शास्त्रों में कहा गया है की स्वर्ग और नर्क आपके हाथ में

शास्त्रों में कहा गया है की  स्वर्ग और नर्क आपके हाथ में

एक बुजुर्ग औरत मर गई, यमराज लेने आये।औरत ने यमराज से पूछा, आप मुझे स्वर्ग ले जायेगें या नर्क।यमराज बोले दोनों में से कहीं नहीं।तुमने इस जन्म में बहुत ही अच्छे कर्म किये हैं, इसलिये मैं तुम्हें सिधे प्रभु के धाम ले जा रहा हूँ।बुजुर्ग औरत खुश हो गई, बोली धन्यवाद, पर मेरी आपसे एक विनती है।मैनें यहाँ धरती पर सबसे स्वर्ग – नर्क के बारे में सुना है मैं एक बार इन दोनों जगाहों को देखना चाहती हूँ।यमराज बोले तुम्हारे कर्म अच्छे हैं, इसलिये मैं तुम्हारी ये इच्छा पूरी करता हूँ।चलो हम स्वर्ग और नरक के रास्ते से होते हुए प्रभु के धाम चलेंगें।

दोनों चल पडे, सबसे पहले नर्क आया।

नर्क में बुजुर्ग औरत ने जोर जोर से लोगों के रोने कि आवाज़ सुनी।वहां नर्क में सभी लोग दुबले पतले और बीमार दिखाई दे रहे थे।औरत ने एक आदमी से पूछा यहाँ आप सब लोगों कि ऐसी हालत क्यों हैं।आदमी बोला तो और कैसी हालत होगी, मरने के बाद हम जबसे यहाँ आये हैं, हमने एक दिन भी खाना नहीं खाया।

भूख से हमारी आतमाये तड़प रही हैं बुजुर्ग औरत कि नज़र एक विशाल पतीले पर पडी़, जो कि लोगों के कद से करीब 300 फूट ऊंचा था, उस पतीले के ऊपर एक विशाल चम्मच लटका हुआ था।उस पतीले में से बहुत ही शानदार खुशबु आ रही थी।बुजुर्ग औरत ने उस आदमी से पूछा इस पतीले में क्या है।आदमी मायूस होकर बोला ये पतिला बहुत ही स्वादिष्ट खीर से हर समय भरा रहता है।बुजुर्ग औरत ने हैरानी से पूछा, इसमें खीर है तो आप लोग पेट भरके ये खीर खाते क्यों नहीं, भूख से क्यों तड़प रहें हैं।आदमी रो रो कर बोलने लगा, कैसे खायें पतिला 300 फीट ऊंचा है हममें से कोई भी उस पतीले तक नहीं पहुँच पाता।बुजुर्ग औरत को उन पर तरस आ गया

सोचने लगी बेचारे, खीर का पतीला होते हुए भी भूख से बेहाल है।शायद ईश्वर नें इन्हें ये ही दंड दिया होगा ।

यमराज बुजुर्ग औरत से बोले चलो हमें देर हो रही है।दोनों चल पडे़, कुछ दूर चलने पर स्वर्ग आया।वहां पर बुजुर्ग औरत को सबकी हंसने,खिलखिलाने कि आवाज़ सुनाई दी।सब लोग बहुत खुश दिखाई दे रहे थे।उनको खुश देखकर बुजुर्ग औरत भी बहुत खुश हो गई।पर वहाँ स्वर्ग में भी बुजुर्ग औरत कि नज़र वैसे ही 300 फूट ऊचे पतीले पर पडी़ जैसा नर्क में था, उसके ऊपर भी वैसा ही चम्मच लटका हुआ था।बुजुर्ग औरत ने वहां लोगो से पूछा इस पतिले में क्या है।स्वर्ग के लोग बोले के इसमें बहुत स्वादिष्ट खीर है।बुजुर्ग औरत हैरान हो गई ,और उनसे बोली,पर ये पतीला तो 300 फीट ऊंचा है आप लोग तो इस तक पहुँच ही नहीं पाते होगें ,उस हिसाब से तो आप लोगों को खाना मिलता ही नहीं होगा, आप लोग भूख से बेहाल होगें पर मुझे तो आप सभी इतने खुश लग रहे हो। लोग बोले हम तो सभी इस पतिले में से पेट भर के खीर खाते हैं ,औरत बोली पर कैसे,पतिला तो बहुत ऊंचा है।लोग बोले तो क्या हो गया पतिला ऊंचा है तो यहां पर कितने सारे पेड़ हैं, ईश्वर ने ये पेड़ पौधे, नदी, झरने हम मनुष्यों के उपयोग के लिये तो बनाईं हैं हमनें इन पेड़ों कि लकडी़ ली, उसको काटा, फिर लकड़ीयों के टुकड़ों को जोड़ के विशाल सिढी़ का निर्माण किया फिर उस लकडी़ की सिढी़ के सहारे हम पतिले तक पहुंचते हैं और सब मिलकर खीर का आंनद लेते हैं।बुजुर्ग औरत यमराज कि तरफ देखने लगी ।

यमराज मुस्कुराते हुए बोले , ईश्वर ने स्वर्ग और नर्क मनुष्यों के हाथों में ही सौंप रखा है चाहें तो अपने लिये नर्क बना लें, चाहे तो अपने लिये स्वर्ग, ईश्वर ने सबको एक समान हालातों में डाला है उसके लिए उसके सभी बच्चें एक समान हैं, वो किसी से भेदभाव नहीं करता।वहां नर्क में भी पेड़ पौधे सब थे, पर वो लोग खुद ही आलसी हैं, उन्हें खीर हाथ में चाहिये ,वो कोई कर्म नहीं करना चाहते, कोई मेहनत नहीं करना चाहते, इसलिये भूख से बेहाल हैं।क्यूँकि ये ही तो ईश्वर कि बनाई इस दुनिया का नियम है,जो कर्म करेगा, मेहनत करेगा, उसी को मीठा फल खाने को मिलेगा।मेहनत करें, अच्छे कर्म करें और अपने जीवन को स्वर्ग बनाएं।

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