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मोतिहारी में हो गया बड़ा घपला, योजना स्थल पर बोर्ड भी नहीं लेकिन कर दिया गया करोड़ों का भुगतान, तो क्या फिर मलाई खा गए भाई लोग...

मोतिहारी में हो गया बड़ा घपला, योजना स्थल पर बोर्ड भी नहीं लेकिन कर दिया गया करोड़ों का भुगतान, तो क्या फिर मलाई खा गए भाई लोग...

मोतीहारी : पूर्वी चंपारण जिला के अरेराज प्रखंड में मनरेगा विभाग का गजब खेल हुआ है ।अभिकर्ता को  योजना के बारे में पता तो दूर बिना मास्टर रॉल पर हस्त्राक्षर व भुगतान के डिमांड के दजनों योजनाओं पर हो गया करोड़ो का भुगतान। इसका खुलासा होने के बाद विभाग के वरीय पदाधिकारी  मात्र एक जेई को दोषी मानते हुए कार्रवाई की अनुशंसा कर पल्ला झाड़ लेते हैं । रोचक बात है कि  बिना अभिकर्ता के जानकारी के दर्जनों योजना का कार्य कैसे हुआ ,बिना अभिकर्ता के भुगतान के डिमांड के कैसे हुआ योजना का भुगतान,बिना धरातल पर कार्य के भी कैसे हो गया पेमेंट ,कार्य स्थल पर योजना अभिलेख सहित बिना बोर्ड लगे कैसे हो गया काम? आम लोगों मे चर्चा है कि इतना बड़ी गड़बड़ी में मनरेगा कार्यालय का मात्र एक जेई ही है दोषी या पदाधिकारी और कर्मी भी ।

डीएम शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर जिला के अरेराज प्रखंड के एक दर्जनों मनरेगा योजना का जांच डीडीसी के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया गया । जांच में मनरेगा योजना से बिना पीसीसी निर्माण के ही योजना पूर्ण कर भुगतान करने का खुलासा हुआ ।जब डीडीसी द्वारा अभिकर्ता से उक्त योजना के बारे में  स्पष्टीकरण की मांग किया गया तो अभिकर्ता सह तत्कालीन सरेया पंचायत सचिव ने स्पष्टीकरण का जो जबाब दिया उससे सबके होश उड़ गए। डीडीसी के स्पष्टीकरण के जबाब में अभिकर्ता ने लिखा कि मनरेगा योजना से हुए किसी कार्य के बारे में उसे विभाग द्वारा जानकारी तक नहीं दी गई। न ही किसी मास्टर रॉल पर उसका हस्त्राक्षर ही है और ना ही किसी योजना के भुगतान के लिए कोई डिमांड ही किया गया ।सबसे रोचक बात है कि सरकार व विभाग के निर्देश को ताक पर रखकर बिना प्राकलन अभिलेख के बोर्ड लगाए दर्जनों योजना पूर्ण हो गया वहीं उसका भुगतान भी हो गया ।

तीन सदस्यीय जांच टीम के रिपोर्ट के बाद डीएम द्वारा संबंधित जेई से बिना पीसीसी सड़क निर्माण के उठाव की गई राशि रिकवरी करने और उक्त जेई को बर्खास्त करने का निर्देश दिया गया ।वही मनरेगा डीपीओ के नेतृत्व में पुनः उक्त सभी योजनाओ के जांच के लिए दो सदस्यीय कमिटी के गठन किया गया।इसमें भी रोचक बात है कि डीएम द्वारा जांच टीम गठित होने की भनक लगते ही पीओ ने जेई से स्पष्टीकरण का मांगकर लीपापोती करते हुए बिना किसी जांच पूरा हुए ही जेई से रिकवरी करा लिया गया ।

भजपा मंडल अध्यक्ष राकेश पांडेय ने बताया कि अरेराज प्रखंड में कुछ  योजना को छोड़ दिया जाय तो अधिकांश योजना सिर्फ कागजी खानापूर्ति पर विभागीय मिली भगत से राशि का बंदरबाट हुआ है ।प्रखंड के दजनो कार्यस्थल पर बिना प्राकलन अभिलेख के बोर्ड लगाए कागज में ही कार्य पूर्ण कर भुगतान भी हो गया है ।अगर सभी योजना स्थल पर प्राकलन का बोर्ड लगवाकर जांच कर दिया जाय तो भारी गड़बड़ी का खुलासा हो जाएगा ।वही पीओ शीलभूषन ने बताया कि कार्य स्थल पर प्राकलन अभिलेख का बोर्ड नही लगने को लेकर पीआरएस से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है । जल्द हो बोर्ड लगवा दिया जाएगा ।

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