Desk: दुनिया में जैसे-जैसे कोरोना का कहर बढ़ रहा है ,लोग उतने ही ज्यादा चिंतित हो रहे है. सभी लोग बस आस लगा कर बैठे हैं कि कब कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए उसकी दवा बनेगी जिससे पूरा देश कोरोना संकट से बाहर आ जायेगा. दुनिया के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक ने एक बेहद्द चौंकाने वाली बात कही है, उनका कहना है की कोरोना को मारने की कोशिशें सफल हो उससे पहले वो खुद अपनी मौत मर जाएगा.
इस वक़्त हर कोई यही चाहता है की कोरोना का दवा निकले.जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ता दिख रहा है ऐसे में दुनिया में चल रही वैक्सीन को लेकर चल रहे कामों में भी तेजी दिख रही है. हर देश हर सूबे में कोरोना की काट ढूंढने में लगी है. हर जगह यही जद्दोजहद जारी है की जल्द से जल्द कोरोना के खिलाफ चल रहे जंग को हम लोग जीत ले.
विश्व संस्था WHO में कैंसर प्रोग्राम के हेड रह चुके प्रोफेसर करोल सिकोरा का शोध जगत में भी काफी नाम है, उन्होंने हाल ही में यह दावा किया है कोरोना के संक्रमण के तरीके और और उसके बढ़ते आंकड़े की डीप स्टडी की और उसके बाद यह निष्कर्ष निकाला है की धीरे-धीरे कोरोना कमजोर होते जायेगा और साथ ही नैचुरली ही दुनिया से ख़त्म भी हो जायेगा .उनका कहना की यह उनका अनुमान है की ऐसा संभव हो सकता है.उन्होंने कहा कि ‘हमें अपनी दूरी को बनाकर रखना है और आशा करनी है कि आंकड़े बेहतर होंगे’. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी थी की कोरोना वायरस से लम्बे समय तक समाधान केवल वैक्सीन या दवा से ही संभव है.उनका यह भी कहना था की सबसे बुरी स्थिती यह हो सकती है की हम कोरोना वायरस की वैक्सीन ही न खोज सके.
प्रतिष्ठित वैज्ञानिक का कहने के पीछे वैज्ञानिक आधार है, इंसानी शरीर की यह खासियत है की वो वायरस को लम्बे समय तक जूझने के बाद उसके खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है.