BAGAHA : महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में थरुहट की राजधानी कहे जाने वाले हरनाटांड़ में सात दिवसीय थारू महोत्सव का आयोजन किया गया है. हरनाटांड़ स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय के खेल मैदान में लगने वाले थारू जनजाति मेले का उद्घाटन गुरुवार को मुख्य अतिथि सह बगहा एसडीएम विशाल राज ने फीता काटकर किया. थारू महोत्सव मेले के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद व संचालन भागीरथ प्रसाद ने किया. इस अवसर पर थारू महासंघ के सदस्यों ने मुख्य अतिथि बगहा एसडीएम विशाल राज को माल्यार्पण व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इसके पश्चात कस्तूरबा विद्यालय हरनाटांड़ की छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत कर कार्यक्रम का आगाज किया. फिर थारू महिलाओं व बच्चों ने थारू संस्कृति से जुड़ी झुमरा, झमटा व विरहनी आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया. साथ ही कजरी व बरहमासा आदि गीतों से थारू समुदाय की बच्चियों, महिलाओं व वृद्धों ने महोत्सव में चार चांद लगा दिया.
अतिथियों ने उठाया थारू व्यंजन का लुफ्त
इस अवसर पर थारू संस्कृति से जुड़े व्यंजनों का भी अतिथियों ने लुफ्त उठाया. जिसमें चेंची, बेंवा, पकली, सुकठी व आनंदी के भुजा के साथ दही का आनंद उठाया. इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. शारदा प्रसाद ने कहा कि वर्ष 1996 में बगहा के तत्कालीन एसडीएम मसूद हसनके द्वारा मेले को थारू महोत्सव मेले का नाम दिया गया. डॉ प्रसाद ने कहा कि आशा है कि आगे भी अनुमंडल पदाधिकारी के साथ शासन प्रशासन कि मदद मिलती रहेगी. वहीं भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीप नारायण प्रसाद ने कहा कि प्रशासन की र ओर से सहयोग नहीं मिलेगा तो यह मेला अगले कुछ वर्षों में टूट भी सकता है. एसडीएम से अनुरोध है कि इस मेले को थारू मेला घोषित कर इसमें प्रशासनिक सहयोग देने की हरसंभव कोशिश करें. ताकि हमारी संस्कृति व सभ्यता जीवंत रहे. यहां कलाकारों का आगमन हो और कार्यक्रम का आयोजन हो सके. इसके लिए प्रशासन की ओर से पहल किया जाए. इससे थारू कला संस्कृति भी जीवंत होकर लाभान्वित होगी.
एसडीएम ने किया हरसंभव मदद का वादा
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि सह बगहा एसडीएम विशाल राज ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत रखने के लिए मेला एक बहुत अच्छा तरीका और बेहतर अवसर होता है. आज के समय में हमारे संस्कृति में दिन-प्रतिदिन बदलाव हो रहा है. लेकिन थारू समुदाय इसे संजोए रखा है. वह निश्चित ही प्रशंसनीय और सराहनीय है. हम चाहेंगे कि आने वाले साल इस महोत्सव मेले को और भी बेहतर बनाएंगे. जो भी प्रशासनिक सहयोग बन पड़ेगा हम लोग देंगे और मेले को और भव्य और बेहतर बनाएंगे. उन्होंने कहा कि समय निकालकर थारुओं के प्रमुख आएं और इसपर चर्चा करें. ताकि इसे हर संभव सरकारी मदद की कोशिश की जा सके.
एसडीएम ने कहा कि थारू समुदाय से जुड़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को जिस प्रकार यहां की महिलाओं, पुरुषों व छोटी-छोटी बच्चियों ने प्रदर्शित किया वह निश्चित ही यह काफी सराहनीय है. कार्यक्रम के अंत में बगहा एसडीएम व अन्य अतिथियों ने टॉवर झूले का भी जमकर लुफ्त उठाया. इस मौके पर प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ कृष्ण मोहन राय, मेला समिति के संयोजक हरेंद्र प्रसाद, लौकरिया थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार, पूर्व एडीएम जयकृष्ण प्रसाद, अधिवक्ता प्रकाश चंद्र पांडेय, जगदीश सोखईत, महेश्वर काजी, इंद्रदेव खतईत व कृष्णमोहन खतईत के साथ सैकड़ों पुरूष व महिलाएं उपस्थित थी.
बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट