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पटना में द्वितीय बिहार समाज विज्ञान कांग्रेस का हुआ आयोजन, स्वास्थ्य व्यवस्था की चुनौतियों और संभावनाओं पर हुई चर्चा

पटना में द्वितीय बिहार समाज विज्ञान कांग्रेस का हुआ आयोजन, स्वास्थ्य व्यवस्था की चुनौतियों और संभावनाओं पर हुई चर्चा

PATNA : बिहार समाज विज्ञान अकादमी एवं पटना कॉलेज की ओर से पटना कॉलेज में द्वितीय बिहार समाज विज्ञान कांग्रेस का आयोजन शनिवार को किया गया। उद्घाटन सत्र में 'स्वास्थ्य व्यवस्था : स्थिति चुनौतियां और संभावनाओं' पर परिचर्चा की गई। महासचिव डॉ. अनिल कुमार राय ने कहा कि वर्ष 2017 से स्थापित इस संस्था का मकसद आमजनों के सामाजिक और आर्थिक उन्नति के साथ शोध कार्यो को हिन्दी मे प्रोत्साहित करना है। महासचिव ने अकादमी के विषय प्रवेश में स्वास्थ्य क्षेत्र की कई चुनौतियों के साथ सामाजिक आर्थिक संरचना और सरकार के प्रयासों की भी चर्चा की। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे रूबन अस्पताल के एमडी डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि देश में स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। नीति आयोग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य सूचकांकों में बिहार काफी पिछड़ा है। उन्होंने शिशु मृत्यु दर, एनीमिया और जनसंख्या नियंत्रण समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा की बिहार में महज 19 मेडिकल कालेज है, जो बेहद कम है। पटना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ने  शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर जोर देने की अपील की। उन्होंने बेहतर स्वास्थ्य के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर भी जोर दिया। परिचर्चा में पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रघुनंदन शर्मा ने स्वास्थ्य में प्रदूषण के कई बिन्दुओं की विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने विकास के लिए गांधी मॉडल अपनाने का सुझाव दिया। प्रोफेसर ने संस्थागत सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार से अपील की। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए पटना विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर शेफाली रॉय ने भी स्वास्थ्य के बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी बताया। उन्होंने कहा कि बीमार होने पर जागते है, स्वास्थ्य को लेकर सचेत नहीं होते। अकादमी के अध्यक्ष डीएम दिवाकर ने समाज विज्ञान के अलग अलग स्वरूप की विस्तार चर्चा की। कहा की स्वतंत्रता के बाद बिहार में स्वास्थ्य सेवाए बेहतर हुई है, लेकिन अभी बहुत कुछ संरचनात्मक मजबूती के लिए किया जाना है। नीति आयोग के सूचकांकों में स्वास्थ्य की स्थिति लचर है। कोरोना ने स्वास्थ्य की चुनौतियों को भी उजागर किया है। 

कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के बाद दो तकनीकी सत्र आयोजित हुए, जिसका विषय बिहार में स्वास्थ्य असमानता और मानसिक स्वास्थ्य संकट था। तकनीकी सत्र के बाद द्वितीय एसपी वर्मा स्मृति व्याख्यान भी हुआ। अंत में बिहार समाज विज्ञान अकादमी की आमसभा हुई। कार्यक्रम में डॉ. शकील अहमद, डॉ. प्रियंका सिंह, डा सोमप्रीति, प्रो. लालबाबू यादव, प्रो. अरूण कुमार, डॉ. जी. शंकर आदि मौजूद थे। इनलोगों ने तकनीकी सत्र में भाग लिया। डॉ. राकेश रंजन भी कार्यक्रम में मौजूद थे। इसके पहले कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

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