ARA : प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चिकित्सा व्यव्स्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकते है। उनकी मानें तो पूरे प्रदेश में लोगों के इलाज के समुचित प्रबंध किए गये है। सरकार के दावे के अनुसार सिर्फ नंबर डॉयल करते ही आपके द्वार पर एंबुलेंस पहुंच जायेगी। लेकिन सरकार के इस दावे में कितना दम है इसकी सच्चाई इस वीडियो को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है।
यह तस्वीर भोजपुर जिले कोईलवर प्रखंड स्थित बिंदगावां गांव की है। इस वृद्ध महिला का पैर टूट गया है। दर्द से कराहती इस इस महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का इनके पास खाट ही एकमात्र रास्ता है। गांव से अस्पताल की दूरी पांच किलोमीटर है। सरकार के दावे के अनुसार इस मरीज को एंबुलेंस मिलनी चाहिए, लेकिन स्थिति क्या है यह आप खुद ही देख लीजिए।
स्थानीय लोग बताते है कि एंबुलेंस की सुविधा तो दूर की बात है, यहां किसी के बीमार पड़ने पर कोई गाड़ी भी नहीं मिलती है। मरीज को इसी तरह खाट पर लादकर या किसी अन्य तरीके से वे लोग इलाज के लिए अस्पताल ले जाते है।
राजधानी पटना से महज 50-55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव की स्थिति ऐसी है, तो दूर-दराज के इलाकों में क्या होता होगा। जिस पीएचसी और सदर अस्पताल में सरकार द्वारा 24 घंटे एंबुलेंस उपलब्ध होने के दावे किए जाते है, वहीं महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राणीण इलाको में यह सेवा लोगो को नहीं मिल पा रही है।