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सेनारी नरसंहारः महाधिवक्ता ललित किशोर ने पटना HC के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की कर दी सिफारिश, अब आगे क्या होगा......

सेनारी नरसंहारः महाधिवक्ता ललित किशोर ने पटना HC के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की कर दी सिफारिश, अब आगे क्या होगा......

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित सेनारी नरसंहार के सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया है। जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने  कल यानी शुक्रवार को यह फैसला सुनाया है। न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी 13 आरोपियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद अब यह सवाल उठने लगा कि आखिर सेनारी के 34 बेगुनाहों की निर्मम हत्या किसने की? बिहार की सत्ताधारी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी आश्चर्यचकित हैं। पटना हाईकोर्ट के निर्णय के बाद संजय जायसवाल ने कहा था कि 34 इंसानों की हत्या किसी ने नहीं की??? अब राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

महाधिवक्ता ललित किशोर ने सरकार से की सिफारिश

बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने आज कहा कि पटना हाईकोर्ट के फैसले पर हमने अपनी राय राज्य सरकार को दे दी है। हमने सरकार से सिफारिश की है कि इस निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करें। उन्होंने कहा कि मेरी धारना है कि सेनारी नरसंहार केस में जो साक्ष्य हैं वो पहचान के लिए काफी हैं। निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा जाना चाहिए था। ललित किशोर ने कहा कि हमरे राज्य सरकार को सिफारिश कर दी है। अब विधि विभाग उसकी समीक्षा करेगी। फिर सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर करने के लिए दिल्ली में राज्य सरकार के वकील को भेजा जाएगा। इस तरह से अब राज्य सरकार सेनारी नरसंहार पर आये फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जायेगी। जानकारी के अनुसार अगले हफ्ते बिहार सरकार सुप्रीमकोर्ट में अपील करेगी।

15 नवंबर 2016 को निचली अदलात ने सुनाई थी सजा

बता दें जहानाबाद जिला अदालत ने 15 नवंबर 2016 को इस मामले में 10 को मौत की सजा सुनाई थी, जबकि 3 को उम्रकैद की सजा दी गई थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के लोग हतप्रभ हैं और आगे की रणनीति तय करने पर मंथन कर रहे हैं। सेनारी नरसंहार जिसमें 34 लोगों की गला रेत कर नृशंस हत्या कर दी गई थी उसमें सभी आरोपियों को बरी किये जाने पर बीजेपी ने भी बड़ा सवाल खड़ा किया है। बिहार BJP के अध्यक्ष संजय जायसवाल का बयान सामने आया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 34 इंसानों की हत्या किसी ने नहीं की. दुखद!

34 लोगों का हत्यारा कौन ?

बिहार बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने कहा कि आज पटना हाईकोर्ट ने सेनारी नरसंहार के सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया है। निचली अदालत ने इनमें से 10 को फांसी और 3 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया और तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।बीजेपी प्रवक्ता ने पूछा कि तब सेनारी में किसने 34 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की थी? बिहार की सरकार इसका जवाब दे। इतने दिनों तक अनुसंधान चला। आखिर उस अनुसंधान में पुलिस ने क्या सबूत जुटाये? बीजेपी प्रवक्ता ने साफ कहा कि सरकार न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख सकी। जिसका लाभ आरोपियों को मिला।

हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाये सरकार

जहानाबाद के सेनारी में उच्च जाति के 34 लोगों की हत्या के सभी आरोपियों को कोर्ट से रिहा होने पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ तुरंत सुप्रीम कोर्ट जाये। हमें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट से पीड़ित पक्ष को जरूर न्याय मिलेगा।    

भूमिहारों का बस्ती को घेर 40 लोगों को घर से खींच ले गये थे नक्सली

8 मार्च 1999 की रात नक्सली संगठन के उग्रवादियों ने जहानाबाद के सेनारी गांव को चारों तरफ से घेर लिया था। इसके बाद भूमिहार जाति के 34 लोगों को उनके घरों से जबरन निकालकर ठाकुरवाड़ी के पास ले जाया गया छा। वहां ले जाकर सभी को बेरहमी से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। उस रात सेनारी गांव में सैकड़ो लोग घुसे.गांव को चारों ओर से घेर लिया. घरों से खींच-खींच के मर्दों को बाहर किया गया. कुल 40 लोगों को चुना गया. चालीसों लोगों को खींचकर गांव से बाहर ले जाया गया. एकदम जानवरों की तरह. तीन समूहों में बांट दिया गया. बस खींच-खींच के खड़ा कर दिया गया, फिर बारी-बारी से हर एक का गला और पेट चीर दिया गया. 34 लोग मर गये, 6 तड़प रहे थे. ये गांव भूमिहारों का था. मारने वाले एमसीसी के थे.

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