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बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में रडार पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, जांच एजेंसी के हाथ अहम सुराग !

बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में रडार पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, जांच एजेंसी के हाथ अहम सुराग !

पटना. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में जांच एजेंसी के रडार पर एक आईएएस अधिकारी भी हैं. दरअसल, पेपर लीक मामले में एफआईआर की गई है उसमें जिन मोबाइल नंबरों का जिक्र है वह बिहार के आईएएस अधिकारियों का बताया जा रहा है. इसी कारण आईएएस अधिकारी की पेपर लीक में कथित संलिप्तता की बातें कही जा रही है. 

8 मई को बीपीएससी का पीटी था. कहा जा रहा है कि उस दिन सुबह 11:43 बजे ही बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को प्रश्न पत्र की प्रति उनके मोबाइल व्हाट्सअप किया गया था. यह व्हाट्सअप जिस नम्बर से आया था वह एक वरिष्ठ आईएस अधिकारी का है. सूत्रों की मानें तो प्रश्न पत्र भेजने वाले आईएएस ने परीक्षा नियंत्रक को बताया था कि प्रश्न पत्र का ‘सी’ सेट लीक हुआ है. इसकी जांच करा लें. वहीं मीडिया में दोपहर सवा बारह बजे के बाद प्रश्न पत्र लीक होने की खबर आई. यानी बिहार लोक सेवा आयोग को पहले ही पता चल गया था कि प्रश्न पत्र लीक हो चुका है. 

सूत्रों का कहना है कि एफआईआर में भी इसी का जिक्र करते हुए दोनों आईएएस अधिकारियों का मोबाइल नम्बर दर्ज है. दरअसल जिस आईएएस अधिकारी की ओर से प्रश्न पत्र भेजा गया था उनके बारे में कहा जाता है कि वे सिविल सेवाओं की तैयारी से जुड़े कोचिंग संस्थान से जुड़े हैं. कोचिंग संस्थान बिहार के छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है और अपनी सफलता के बड़े दावे संस्थान की ओर से किए जाते हैं. अब पेपर लीक मामले में उसी आईएएस अधिकारी का मोबाइल नम्बर सामने आने से कई प्रकार के सवाल भी खड़े हो गए हैं. 

इतना ही नहीं दावा किया जा रहा है कि जब मार्च 2022 में 67वीं बीपीएससी के पीटी की तारीखों का ऐलान हुआ था उस समय भी आईएएस से जुड़े संस्थान ने बीपीएससी की ओर से घोषणा के कुछ समय समय पहले ही अपने सोशल मीडिया पर 28 मई को परीक्षा होने का ऐलान किया था. इससे यह भी पता चलता है कि आईएएस अधिकारी या उनसे जुड़े संस्थान की विभाग के भीतरखाने तक गहरी पैठ है. अब प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में भी सबसे पहले उसी अधिकारी के पास लीक प्रश्न पत्र आने से इन सवालों और संदेहों को और भी बल मिल गया है. 

प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध विंग ने मंगलावर को आरा के परीक्षा केंद्र पर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य सह सेंटर सुपरिटेंडेंट डॉ. योगेंद्र प्रसाद सिंह, सुशील कुमार सिंह व्याख्याता सह कंट्रोलर, अगम कुमार सहायक व्याख्याता सह सहायक सेंटर सुपरिटेंडेंट (कुंवर सिंह कॉलेज) को गिरफ्तार किया गया है. 8 मई को बिहार के सभी जिलों में करीब 6 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. बाद में प्रश्न पत्र लीक होने की खबर सामने आने के बाद बीपीएससी ने परीक्षा रद्द कर दी. 

ऐसे में अब बेहद अहम है कि क्या एफआईआर में जिस आईएएस अधिकारी का मोबाइल नम्बर दर्ज है उस पर क्या  कार्रवाई होगी ?  जिन आईएएस के बारे में संदेह जताया जा रहा है उन्हें सीएम नीतीश ने कई अहम विभागों का जिम्मा भी सौपा था. 


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