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विटीआर के कई इलाकों में लगी भीषण आग, बेशकीमती जड़ी बूटियां और पेड़-पौधे जलकर राख

विटीआर के कई इलाकों में लगी भीषण आग, बेशकीमती जड़ी बूटियां और पेड़-पौधे जलकर राख

BAGAHA : गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ ही विटीआर के जंगल आग से धधकने लगे हैं. आसपास के जंगल इन दिनों दावानल की चपेट में हैं. वीटीआर के कई कक्षों के जंगल जल चुके हैं. इससे दुर्लभ जड़ी बूटियां नष्ट हो गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. वन विभाग के लोग फायर सीजन शुरू होने से पहले तमाम दावे करते हैं. बीती शाम अराजक तत्वों ने घोठवा टोला के निकट के जंगल में आग लगा दी. जिससे क्षेत्र के जंगल का बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया. आग लगने से अनेक बेश कीमती जड़ी बूटी तथा पेड़ पौधे जलकर राख हो गए है. अनेक प्रजातियों के छोटे-छोटे पौधे भी जल गए. 

सोमवार को शाम चार बजे जंगल में लोगों ने धुंआ उठते देखा. देखते ही देखते आग ने जंगल के एक बड़े हिस्से को चपेट में ले लिया. जिससे पूरा जंगली क्षेत्र धुएं से भर गया. लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. फायर कर्मियों ने भी योगदान दिया. तेज हवा में आग तेजी से जंगल में फैल रही थी. समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो ग्रामीणों की झोपड़ी भी इसकी चपेट में आ सकते थे. इस सीजन में दावानल से वन संपदा के राख होने का सिलसिला जारी है. दावानल से जहां वन संपदा तबाह हो रही है, वहीं वन्य प्राणी भी अकाल मौत को मुंह में समा रहे हैं. आस-पास के क्षेत्रों में लगातार आगजनी के मामले आ रहे हैं. जंगलों की आग को लेकर वन विभाग भी असहाय बना हुआ है. विभाग को आग की जानकारी तब लगती है जब आग जंगल को चपेट में ले लेती है. 

अभी तक अधिकतर जंगलों में आग अपना तांडव दिखा चुकी है. दूर-दराज जंगलों में आग की घटना के गिने-चुने मामले ही देखे जा सकते हैं. इससे यही लगता है कि आग की चिंगारी सुलगाने में नजदीकी लोगों का हाथ रहता है. झाड़ीयो में आग लगाने के लिए अधिकांश ग्रामीणों की यही गलत धारणाएं रहती हैं कि पुरानी घास को जलाने से अच्छी और अधिक मात्रा में घास उगती है. नई घास की चाह में जो शरारती तत्व आग लगा रहे हैं. वे यह बात भूल जाते हैं कि आग जंगलों को राख कर रही है. साथ ही जंगलों में उगने वाली जड़ी-बूटियों और जंगल में रह रहे वन्य प्राणियों के लिए भी ये आग घातक सिद्ध हो रही है. गर्मी बढ़ते ही आगजनी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. वन विभाग भी उन्हीं आगजनी के मामलों में त्वरित कार्रवाई करता है. जंगलों में धरती के भीतर रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के कई कीट-पतंगे जलकर नष्ट हो चुके हैं. 

सबसे ज्यादा नुकसान जमीन के अंदर रहने वाले वन्य जीवों खरगोश, सांप, मेंढक, झिंगुर समेत कई कीट प्रजातियां अण्डों समेत जलकर राख हो गर्इं. वीटीआर में हाई अलर्ट जारी किया गया है और आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहने के कारण गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है. इससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं. 

बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

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