NEWS4NATION DESK : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को देहरादून लाया गया था। मंगलवार को उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। 'भारत माता की जय' और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाती भीड़ के बीच परिवारवालों ने अपने लाडले का अंतिम दर्शन किया।
एक साल पहले हुई थी लव मैरिज
मेजर की पिछले साल ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी फूलों से सजे ताबूत में रखे अपने शहीद पति को देर तक निहारती रहीं। उनकी आंखों के आंसू सूख चुके थे। पति की कुर्बानी पर जहां उन्हें गर्व भी हो रहा था वहीं उनके साथ देखे गए सपने भी याद आ रहे थे। वे बार-बार पति के पार्थिव शरीर और उनके ताबूत को छू रही थीं। शायद दिल ही दिल में कुछ कह रही थीं। उन्हें पता था कि उनके पति देश पर अपना सर्वस्व कुर्बान कर अंतिम सफर पर जा चुके हैं। पर उनके कान में वह I Love You बोल पति-पत्नी के प्यार को जता रही थीं। यह मंजर बड़ा ही हृदय विदारक था। पत्नी ने अपने शहीद पति को उसी तरह से विदाई दी जैसे एक वीर को दी जाती है।
काश्मीर के विस्थापित परिवार से हैं शहीद मेजर की पत्नी
मेजर विभूति (34) ने एक साल पहले ही फरीदाबाद की निकिता कौल से लव मैरिज शादी की थी। निकिता कौल कश्मीर के विस्थापित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पहले परिवार का विस्थापन और फिर अब पति की शहादत से कश्मीर निकिता को दोहरा जख्म दे गया। निकिता इस समय गहरे सदमे में हैं और उनकी आंखों के आंसू सूख चुके हैं। उन्होंने देर तक पति के शव को देखते रहने के बाद माथा चूमा और करीब जाकर आई लव यू बोल अंतिम सफर के लिए रवाना कर दिया।
2011 में ज्वाईन की थी आर्मी
शहीद मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल ने आठ साल पहले 2011 में आर्मी जॉइन की थी। पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ मेजर ऑपरेशन में वह आतंकियों का सामना करते हुए शहीद हो गए। सीआरपीएफ जवानों पर हमले के मास्टरमाइंड जैश के टॉप कमांडर कामरान के पिंगलिना में छिपे होने की सूचना पर वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिट के साथ आतंकियों का सामना करने निकल पड़े, लेकिन आतंकियों की गोली ने देश का सपूत छीन लिया।