Ranchi: पुलवामा में शहीद हुए वीर सुपूतों के परिजनों के साथ पूरा देश खड़ा है. मैं और मेरे मंत्रिमंडल के सभी साथी अपना एक महीने का वेतन शहीदों के परिजनों के चरणों में अर्पित करते हैं. 16 फरवरी को झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने ट्वीट कर ये एलान किया था. लेकिन क्या ये सिर्फ अखबार की हेडलाइन बनने का एक तरीका था क्योंकि इस ट्वीट के बाद रघुवर दास ने 11 महीने सैलरी ली लेकिन शहीद विजय सोरेंग के परिजनों को पूर्व सीएम ने एक अठन्नी तक नहीं दी.
14 फरवरी को पुलवामा में 44 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद दूसरे ही दिन झारखंड के गुमला से शहीद विजय सोरेंग के पार्थिव शरीर को कंधा देने के बाद पूर्ण बहुमतवाली बीजेपी की सरकार के मुखिया रघुवर दास ने घोषणा की थी कि विजय के परिजनों को एक महीने की सैलरी हम देंगे लेकिन आज भी शहीद का परिवार खुद को ठगा महसूस कर रहा है.
आपको बता दें फरवरी के बाद सीएम रघुवर दास समेत बीजेपी के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने सरकार में रहते 11 महीने का वेतन उठाया. लेकिन अपनी घोषणा के मुताबिक, किसी ने पुलवामा शहीद के परिजनों को एक महीने की सैलेरी नहीं दी. ना ही इस बारे अब रघुवर दास या बीजेपी किसी मंच पर कोई बात करती है. बस घोषणा की सुर्खियां बटोरी और भूल गये. अब बड़ा सवाल ये है कि रघुवर दास ना तो अब सीएम हैं ना कोई उनकी कैबिनेट है ऐसे में क्या इसे शहीद के परिजनो के साथ धोखा मान लिया जाए.