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बिहार BJP में 6 साल पहले 'पैरवी' से इंट्री करने वाले 'शंभू शऱण' ने मारी बाजी...समर्पित कार्यकर्ताओं का टूटा दिल, अब पुराने लोगों का BJP में कोई वैल्यू नहीं

बिहार BJP में 6 साल पहले 'पैरवी' से इंट्री करने वाले 'शंभू शऱण' ने मारी बाजी...समर्पित कार्यकर्ताओं का टूटा दिल, अब पुराने लोगों का BJP में कोई वैल्यू नहीं

PATNA: बिहार में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। एक ब्राह्मण और एक अतिपिछड़ा समाज से आने वाले नेता को कैंडिडेट बनाया गया है। सतीशचंद्र दूबे दूसरी दफे राज्यसभा जायेंगे। वहीं दूसरे सीट के लिए भाजपा नेतृत्व ने जिसे उम्मीदवार बनाया है उसे लेकर तरह-तरह की चर्चा है। दरअसल, कुछ साल पहले जेडीयू से भाजपा में आये शंभू शऱण पटेल को नेतृत्व ने उम्मीदवार बनाया है। उनकी उम्मीदवारी से यह चर्चा शुरू हो गई है कि रास-विप जाने के लिए लंबे समय तक दल के लिए समर्पित रहना जरूरी नहीं। जब दूसरे दल में हित न सधे तो भाजपा में आइए और नेताओं की चरणवंदना कर टिकट पाइए...। शंभू शरण पटेल को टिकट दिये जाने के बाद पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज से आने वाले व भाजपा के समर्पित नेताओं में काफी मायूसी है। 

बीजेपी में भी बदला फार्मूला

बीजेपी नेतृत्व ने इस बार बिहार से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद सतीशचंद्र दूबे को फिर से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। इसके पहले 2019 में लोस का टिकट न मिलने पर इन्हें राज्यसभा भेजा गया था। एक बार फिर से नेतृत्व ने इन पर भरोसा किया है। वहीं दूसरी सीट के लिए शंभू शऱण पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। शंभू 2015 में जेडीयू से भाजपा में बतौर एक कार्यकर्ता शामिल हुए थे। बताया जाता है कि एक पूर्व विधायक ने उन्हें पैरवी कराकर भाजपा में शामिल कराया था। उनकी बदौलत ही शंभू शरण को अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ में मंत्री बनाया गया । इसके बाद संजय जायसवाल जब प्रदेश अध्यक्ष बने तो बड़ी मुश्किल से शंभू शऱण पटेल को प्रदेश मंत्री का दायित्व दिया गया। 

2015 से भाजपा में कैरियर शुरू करने वाले जायेंगे राज्यसभा

2015 में भाजपा का दामन थामने वाले शंभू शरण पटेल को अब भाजपा राज्यसभा भेज रही है। बताया जाता है कि 'पटेल' शेखपुरा के रहने वाले हैं और धानुक समाज से आते हैं। इस वजह से इनका चयन किया गया है। वैसे पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज से आने वाले कई नेता लंबे समय से दल के लिए समर्पित हैं। लेकिन नेतृत्व ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाकर नये नेता को जिसका दल को संवारने में कोई भूमिका नहीं रही उसे टिकट देकर सम्मानित किया. भाजपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अब इस दल में समर्पित होना कोई शर्त नहीं रही। अब विधान परिषद-राज्यसभा जाने का केवल एक ही शर्त है कि नेताओं की जी हुजूरी करिए....। बताया जाता है कि शंभू शरण पटेल के लिए बिहार के एक बड़े नेता जो (केंद्र में बड़ी हस्ती) में हैं ने खूब फील्डिंग की। उन्हीं की पैरवी की बदौलत भाजपा नेतृत्व ने सीधे राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। वैसे शंभू शऱण पटेल को रास का उम्मीदवार बनाये जाने से दल के अंदर जमीनी व समर्पित कार्यकर्ताओं में घोर नाराजगी है। हालांकि वे अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार भी नहीं कर रहे। अगर करेंगे तो नेतृत्व को नागवार गुजरेगा। 

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