पटना। बिहार के पुलिस कर्मियों द्वारा शराब नहीं पीने को लेकर लिए गए शपथ पर भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने तंज कसी है। सीएम नीतीश के नाम लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा है शराब बंदी को लेकर पुलिसकर्मियों द्वारा ली गई शपथ तारीफ के काबिल है, इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं, लेकिन इससे एक बात तो साबित होता है कि 2016 में ली गई शपथ पर यह लोग टिक नहीं सके। अजीत शर्मा ने लिखा कि अगर इसी तरह से लोग शपथ लेते और तोड़ते रहे तो अच्छा प्रहसन हो जाएगा।
गोवा का दिया उदाहरण
भागलपुर विधायक ने लिखा कि यदि पुलिस विभाग राज्य में शराब का प्रवेश निषेध कर दे किसी शपथ की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने लिखा कि शराब पीना एक सोच है, जो सिर्फ इसकी उपलब्धता पर निर्भर है। यह आसानी से मिलेगी, तो रोज ऐसी शपथ तोड़े जाएंगे। अजीत शर्मा ने गोवा का उदारहण देते हुए बताया कि 2019-20 की नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे की रिपोर्ट में गोवा से अधिक शराब की खपत बिहार में बताई गई है। यह तब है जबकि गोवा में शराब पर कोई टैक्स नहीं लगता है। उन्होंने लिखा कि मैनें पहले भी इस बात की मांग की थी बिहार में शराबबंदी कानून की पुनः समीक्षा की जाए। अब फिर से उसी बात को दोहरा रहा हूं।
स्कूल खोले जाने की मांग
कांग्रेस विधायक ने राज्य में स्कूलों के बंद रखे जाने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि बहुत से परिजन मेरे पास इस बात की शिकायत लेकर आए हैं कि प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि लॉकडाउन में स्कूल कॉलेज बंद थे। सीएम को लिखी चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि जब स्कूल संचालित हुए बिना ही फीस जमा करना है, तो उससे बेहतर है कि स्कूलों को कोरोना गाइडलाइन के साथ खोल दिया जाए। इससे छात्रों को बेवजह मोबाइल पर घंटों बैठकर आंखें बर्बाद करने से मुक्ति मिल जाएगी