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शरद यादव ने उपेंद्र कुशवाहा से किया किनारा, रालोसपा के साथ विलय की खबरों का खंडन

शरद यादव ने उपेंद्र कुशवाहा से किया किनारा, रालोसपा के साथ विलय की खबरों का खंडन

PATNA : उपेंद्र कुशवाहा के नजदीक आते-आते शरद यादव ने अचानक से दूरियां बढ़ा दी हैं। पिछले कुछ अरसे से लगातार ऐसी खबरें आ रही थी कि शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल का उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के साथ विलय हो सकता है। लगभग दो महीने से बिहार के सियासी गलियारे में इस बात की खूब चर्चा रही लेकिन कभी भी ना तो शरद यादव और ना ही उनकी पार्टी के किसी भी अन्य नेता ने इन खबरों का खंडन किया। लेकिन अब अचानक से शरद यादव ने विलय की खबरों को खारिज कर दिया है। 

शरद यादव ने जारी किया आधिकारिक बयान

रालोसपा के साथ लोकतांत्रिक जनता दल के विलय की खबरों का शरद यादव ने अधिकारिक तौर पर खंडन किया है। शरद यादव की तरफ से एक प्रेस वक्तव्य जारी करके बताया गया है कि रालोसपा के साथ उनकी पार्टी के विलय की खबरें मीडिया के एक तबके की मनगढ़ंत उपज है। शरद यादव ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाह की रालोसपा और लोकतांत्रिक जनता दल का विलय कि खबरें मनगढ़ंत कहानियां हैं, जो निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा बनाई जा रही हैं जिसे मैं पूरी तरह से खारिज करता हूँ। इस दिशा में कोई चर्चा भी नहीं की जा रही है।

शरद को क्यों देनी पड़ी सफ़ाई?

शरद यादव के इस बयान के बाद अब सवाल उठने लगा है कि आखिर उन्हें अधिकारिक बयान जारी कर विलय की खबरों का खंडन क्यों करना पड़ा। आपको बता दें की मोदी मंत्रिमंडल में रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने सबसे पहले अगर किसी विपक्ष के नेता के साथ मंच साझा करने का कार्यक्रम बनाया था तो वह शरद यादव ही थे। हालांकि मुंगेर के इस कार्यक्रम में शरद यादव शामिल तो नहीं हो सके लेकिन दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद लगातार यह खबरें आती रही की लोकतांत्रिक जनता दल का रालोसपा में विलय हो जाएगा। अब अचानक से शरद यादव की तरफ से आया खंडन यह बता रहा है विलय पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत नहीं बन सकी। अब मामला महागठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसा है। लिहाजा शरद यादव अन्य घटक दलों के बीच कोई कन्फ्यूजन नहीं रहने देना चाहते। ऐसा माना जा रहा है कि शरद यादव का मौजूदा बयान इसी सियासत को ध्यान में रखकर सामने आया है।

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