पटना. जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि जो लोग पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह की जदयू को लेकर निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं वह सीधे रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह को आईएएस अधिकारी से राजनेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही बनाया था और रामचंद्र बाबू आज भी मुख्यमंत्री नीतीश की कार्यशैली के पक्षधर रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कभी रामचंद्र प्रसाद सिंह की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठाया है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों के दौरान जदयू के कई नेताओं ने आरसीपी को लेकर तीखी बयानबाजी की है. इसी को लेकर आरसीपी के करीबी माने जाने वाले शत्रुघ्न सहनी ने अब पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग मीडिया मे बोल रहे है उनकी हैसीयत रामचंद्र प्रसाद सिंह पर बोलने की नही है। हमारे नेता रामचन्द्र प्रसाद सिंह पर बोलने वाले जब आप क ख ग पढ़ रहे थे तब रामचंद्र प्रसाद सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में जिला व प्रदेश चला रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह पर बोलने से पहले संबंधित नेता को मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी से पूछना चाहिए कि उनमें क्या खासियत थी।
उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह तो उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस थे और एक केन्द्रीय मंत्री के प्रधान सचिव थे। रामचंद्र बाबू में काबिलियत थी तब न मुख्यमंत्री नीतीश उनको बिहार लाये। बात रही उनको राजनीति में लाने की तो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह की कबीलियत पर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनको राजनीति में लाये। आरसीपी सिंह अपनी मेघा की बदौलत राजनीति में पार्टी महासचिव एवं संगठन महासचिव, राष्ट्रीय अध्यक्ष के कुर्सी तक पंहुचे। केन्द्र में मंत्री भी बने।
उन्होंने कहा कि जो लोग बोल रहे हैं कि 2015 से 2020 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन थे उनसे पूछना चाहिये. साथ ही 2020 बिधान सभा चुनाव का चेहरा कौन थे जिसे जनता ने नकारा है। आरसीपी सिंह के मेहनत बल पर ही आज पंचायत एवं बूथ तक पार्टी के कार्यकर्ता है। आरसीपी सिंह जब कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देने की बात करते थे तब टाल देते थे । 2015 से 2022 तक बनी बीस सूत्री एवं बोर्ड निगम क्यों नहीं बना उस समय तो आरसीपी सिंह तो सरकार मुखिया नही थे।