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यूपी चुनाव परिणाम पर शिवसेना ने भाजपा पर कसा तंज, कहा केन्द्रीय एजेंसियों का डर दिखाकर मायावती को चुप करा दिया गया

यूपी चुनाव परिणाम पर शिवसेना ने भाजपा पर कसा तंज, कहा केन्द्रीय एजेंसियों का डर दिखाकर मायावती को चुप करा दिया गया

N4N DESK : हाल ही में देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मतों की गिनती खत्म हो चुकी है। सभी पार्टियाँ हार जीत का मूल्यांकन करने में जुटी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में अपार सफलता हाथ लगी है। चार राज्यों में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। इस बीच चुनाव में जीत को लेकर कभी एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है। शिवसेना नेअपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर बसपा प्रमुख मायावती पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसमें लिखा गया है कि यूपी चुनावों में बसपा की उपस्थिति महज औपचारिकता थी। पार्टी प्रमुख मायावती को चुनावों से दूर रहने के लिए मजबूर किया गया। मायावती की बसपा यूपी चुनाव से भाग गई और उनके वोटों को भारतीय जनता पार्टी की ओर मोड़ दिया गया।

संपादकीय में कहा गया है की मायावती कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में रोड़ा बनकर घूमती थीं। लेकिन अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय एजेंसियों से दबाव बनाकर उन्हें चुनाव से दूर रहने के लिए मजबूर कर दिया गया। जिस पार्टी ने कभी उत्तर प्रदेश में अपने दम पर सत्ता हासिल की थी। उसने राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से केवल एक पर जीत हासिल की है। क्या कोई इसे स्वीकार कर सकता है?

सामना में यह भी आरोप लगाया गया है की चार राज्यों में जीत को देखते हुए, भाजपा अब यूक्रेन युद्ध के नाम पर पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। लेख के अनुसार भाजपा को उत्तर प्रदेश में बहुमत के जादुई आंकड़े से 60 सीटें ज्यादा मिलीं और इसके लिए पूरी केंद्रीय सत्ता दांव पर लगी थी। 

बताते चलें की साल 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन करके लड़ा था। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों पार्टियों में झगड़ा हो गया। गठबंधन टूट गया और शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और मुख्यमंत्री पद हासिल किया। इस बीच केंद्रीय एजेंसियों की ओर से ठाकरे सरकार से जुड़े तमाम नेताओं पर एक के बाद एक आपराधिक मामले दर्ज होने शुरू हो गए।


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