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श्याम रजक ने गरीब सवर्णों के आरक्षण की मांग का किया विरोध- कहा,15 आबादी को 50.5 फीसदी नौकरी क्यों ?

श्याम रजक ने गरीब सवर्णों के आरक्षण की मांग का किया विरोध- कहा,15 आबादी को 50.5 फीसदी नौकरी क्यों ?

PATNA : जदयू नेता श्याम रजक ने गरीब सवर्णों के आरक्षण की मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह मांग संविधान के हिसाब से तर्कसंगत नहीं है। देश के उच्च सरकारी पदों पर दलित समुदाय का हिस्सेदारी बहुत कम है।

15 प्रतिशत आबादी को 50.5 फीसदी नौकरी क्यों

श्याम रजक ने कहा है कि देश में दलित और पिछड़ों की आबादी करीब 85 फीसदी है। इतनी बड़ी आबादी को 49.5 फीसदी के आरक्षण में बांध दिया गया है। जब कि सवर्ण समुदाय की आबादी महज 15 फीसदी है और उन्हें सरकारी नौकरी के लिए 50.5 फीसदी मौके मिलते हैं।

 उच्च पदों पर दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व कम

श्याम रजक ने आंकड़ा पेश करते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार के मंत्रालयों में अवर सचिव, सचिव और निदेशक स्तर के 747 पद हैं। इनमें से केवल 60 पदों पर ही अनुसूचित जाति के अफसर मौजूद हैं। जहां तक अनुसूचित जानजाति की हिस्सदारी का सवला है तो उनकी संख्या केवल 24 है। सचिव रैंक के 81 अफसरों में केवल दो ही अनुसूचित जाति के हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी सवर्ण समुदाय की ही अधिकता है। सूचना के अधिकार कानून से मिली जानकारी के मुताबिक देश भर में कुल 496 कुलपति हैं। इनमें एससी और एसटी की संख्या केवल 6 -6 है। जब कि ओबीसी कुलपति की संख्या 32 है। उच्च शिक्षा में वंचित तबके को तब तक फायदा नहीं मिल सकता जब तक कि विश्वविद्यालयों में दलित कुलपतियों की नियुक्ति नहीं होती।

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